– चैती दुर्गा की कहीं बांग्ला रीति रिवाज से तो कहीं वैदिक रीति रिवाज से हुई पूजा
वरीय संवाददाता, भागलपुर
सिल्क सिटी में कलश स्थापना के साथ ही रविवार को वासंतिक (चैती) दुर्गा पूजा पूजा शुरू हो गयी. शहर के बूढ़ानाथ मंदिर, मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी, मानिक सरकार घाट रोड स्थित कालीबाड़ी, मानिकपुर, नाथनगर कर्णगढ़, नरगा मोहनपुर, अलीगंज, चौधरीडीह महमदाबाद, तिलकामांझी आदि स्थानों पर पूजा हुई. पहले दिन शैलपुत्री स्वरूप की पूजा हुई. सोमवार को दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी.चारों तरफ गूंजायमान हुआ दुर्गा सप्तशती का पाठ
चारों तरफ दुर्गा सप्तशती पाठ से वातावरण गुंजायमान हो उठा और शहर में भक्तिमय वातावरण बन गया है. कहीं बांग्ला रीति-रिवाज से तो कहीं वैदिक विधि-विधान से पूजा हुई. बूढ़ानाथ मंदिर में वैदिक विधि-विधान से सुबह नौ बजे कलश स्थापित की गयी. बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक बाल्मिकी सिंह ने बताया कि विश्व कल्याण के लिए रोजाना दुर्गा सप्तशती पाठ किया जायेगा. दशमी के दिन कलश विसर्जन के साथ ही जयंती एवं प्रसाद वितरण किया जायेगा. वहीं आदमपुर स्थित शिवशक्ति मंदिर में महंत अरुण बाबा के संचालन में हवन-यज्ञ शुरू हुआ. आर्य धर्म प्रचारिणी सभा(हरि सभा) व भागलपुर दुर्गाबाड़ी की ओर से दुर्गा पूजा की गयी. इसके तहत बांग्ला विधि-विधान से पूजा-अर्चना हुई.बांग्ला विधि-विधान से कलश स्थापना पंचमी पूजा को होगी
बांग्ला विधि-विधान से कलश की स्थापना पंचमी पूजा को होगी. दुर्गाबाड़ी के संयुक्त सचिव निरूपमकांति पाल ने बताया कि पंचमी पूजा को कलश स्थापित की जायेगी और प्रतिमा को वेदी पर स्थापित की जायेगी. महाअष्टमी के दिन अन्नपूर्णा पूजन भी होगा. रामनवमी के दिन भगवान राम की भी पूजा होगी. कालीबाड़ी में चैती दुर्गा मां की पूजा शुरू की गयी. पहली पूजा पर बंगाल के पंडित राजनारायण मुखर्जी व देवाशीष मुखर्जी ने मंत्रोच्चार कर पूजन कराया. वहीं, बांग्ला विधि-विधान से खरमनचक में सुभाशीष लाहिड़ी के संचालन में पूजा हुई. चुनिहारी टोला स्थित राणी सती मंदिर में मां जगदंबा स्वरूपा राणी सती दादी जी की पूजा-अर्चना की गयी. प्रात: साढ़े पांच बजे कलश स्थापना के साथ जाप, जयंती पूजन, वेदी पूजन किया गया. पंडितों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया. इसके बाद सभी देवी-देवताओं को भोग लगाया गया.दक्षिणी क्षेत्र में हुई पूजा-अर्चना
शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित मानिकपुर में वैदिक विधि से पूजन करा कर कलश स्थापित की गयी. अध्यक्ष हरिशंकर सहाय ने बताया कि पहली पूजा से ही रोजाना नौ दिनों तक सप्तशती पाठ एवं रोजाना संध्या आरती का आयोजन होगा. छठी पूजा की मध्य रात्रि में प्रतिमा स्थापित की जायेगी. अलीगंज में भी दोपहर में संगीतमय मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापित की गयी. पूजा के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया.मनाया गया विक्रम संवत 2082 वर्ष हिंदू नववर्ष उत्सव
हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष रविवार को चैत्र नवरात्र शुरू हुआ. शहर में हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 वर्ष मनाये जाने को लेकर लोगों में उत्साह दिख रहा था. सुबह से ही हर जगह हिंदू नववर्ष मंगलमय व ओम अंकित केसरिया झंडा पूरे शहर में छाया रहा. लोग एक-दूसरे को विक्रम संवत 2082 के शुरू होने की बधाई भी दे रहे थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से शहर के विभिन्न हिस्सों में रैली निकाली गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

