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Bhagalpur news तीज व्रत : गंगा तट से मंदिरों तक रही चहल-पहल

पति की लंबी उम्र व परिवार की खुशहाली की कामना को लेकर मंगलवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्र में तीज पर्व आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया.

पति की लंबी उम्र व परिवार की खुशहाली की कामना को लेकर मंगलवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्र में तीज पर्व आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया. सुहागिन महिलाओं ने निर्जला उपवास रख दिनभर भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना की. व्रती महिलाओं ने सुबह पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर बाबा अजगैवीनाथ मंदिर में दर्शन कर अपने वैवाहिक जीवन की मंगल कामना की. महिलाएं शृंगार कर गंगा घाट पर पहुंचीं और पवित्र जल में डुबकी लगा फल, फूल, मिठाई, धूप-दीप और पूजन सामग्री से मां गंगा की आराधना की. व्रती महिलाएं मंदिरों में भगवान शिव-पार्वती को जल, बेलपत्र, पुष्प और प्रसाद अर्पित किया. पंडितों ने मंदिरों व मोहल्लों में कथा वाचन कर व्रती महिलाओं को तीज व्रत की महत्ता से अवगत कराया. दोपहर एक बजे से पूर्व पूजा-अर्चना संपन्न की गयी. महिलाएं अब निर्जला व्रत रखते हुए बुधवार सुबह पारण करेंगी. अखण्ड सौभाग्य की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने रखा तीज का व्रत कहलगांव अनुमंडल के सभी प्रमुख गंगा तटों पर भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष तृतीया तिथि को अखंड सौभाग्य का प्रतीक हरितालिका तीज व्रत करने के उद्देश्य से भारी संख्या में गंगा स्नान करने पहुंची महिलाओं की भीड़, स्नानोपरांत चारोधाम सती घाट व अन्य शिव मंदिरों में पवित्र गंगा जल से माता दुर्गा की पूजा अर्चना किया. साहित्यवाचस्पति आचार्य रामजी मिश्र रंजन ने बताया कि अखंड सौभाग्य का प्रतीक व कन्याओं के भावी दाम्पत्य जीवन सुखमय कराने वाला यह व्रत भगवान गौरीशंकर की प्रसन्नता के निमित्त सदियों से किया जाता रहा है. सौभाग्यवती महिलाएं संध्या समय भगवान गौरी शंकर को गंगा मिट्टी से पार्थिव स्वरूप बनाकर विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना करती हैं और कथा सुनती हैं. पूजन के पूर्व बांस के डलिया में पांच प्रकार का फल-फलेरी और पकवान, गुजिया रखकर पान सुपारी जनेऊ, शृंगार का सामान सजाकर भगवान गौरीशंकर को निवेदित करती है. दूसरे दिन प्रातःकाल में पुनः पूजा अर्चना के उपरांत बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर व्रत सम्पन्न करती हैं. चौरचन पर्व पर श्रद्धा व आस्था का माहौल सुलतानगंज गणेश चतुर्थी व्रत चौरचन व चरचंदा श्रद्धा और आस्था के साथ मंगलवार शाम को मनाया गया. व्रती महिलाओं ने संतान की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला उपवास रखा. गंगा स्नान कर महिलाओं ने बाबा अजगैवीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और शाम को भगवान गणेश की आराधना कर चंद्रमा को अर्घ दिया. पूजा-अर्चना के दौरान महिलाएं फल, पकवान और विभिन्न सामग्री लेकर धूप-दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित कर संतान की मंगलकामना और घर-परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की. शाम को चंद्र दर्शन के साथ व्रत का पारण किया. पूरे दिन व्रती महिलाओं में नियम-निष्ठा और श्रद्धा भाव देखा गया. गंगा तट और मंदिरों पर सुबह से ही भीड़ रही, जबकि शहर भर में उत्साह और उमंग का माहौल रहा. महिलाओं ने बताया कि इस व्रत का विशेष महत्व है और जो भी श्रद्धा व नियमपूर्वक इसका पालन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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