कुलपति के वाहन चालक की वापसी को लेकर समिति के सदस्य व रजिस्ट्रार भीड़े- मुजफ्फर अहमद ने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रार ने उनसे कहा कि एक शिक्षक पूर्व में जब उनके या कुलपति के बारे में शिकायत करते थे, ताे वे उसे फाड़ कर डस्टबिन में फेंक देते थे
– रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने कहा कि लगाये जा रहे सारे आरोप बेबुनियाद व निराधारवरीय संवाददराता, भागलपुर
टीएमबीयू प्रशासन ने खेलो इंडिया योजना से तैयार किया गया मल्टी पर्पस इंडोर स्टेडियम के संचालन व सदस्यता शुल्क निर्धारित कर दिया है. इसे लेकर साेमवार काे कुलपति प्राे जवाहर लाल की अध्यक्षता में उनके आवासीय कार्यालय में वित्त कमेटी की बैठक हुई. इस दौरान कु़लपति के हटाये गये वाहन चालक काे वापस बहाल करने व सफाई कर्मचारी की सेवा अवधि में विस्तार काे लेकर वित्त कमेटी के सदस्य मुजफ्फर अहमद व रजिस्ट्रार प्राे रामाशीष पूर्वे भीड़ गये. मुजफ्फर अहमद ने बताया कि चालक की वापसी का मामला उठाया था. इसे लेकर रजिस्ट्रार ने कहा कि हटाये गये चालक पर अनुशासनहीनता का आरोप है. ऐसे में उसे नहीं रखा जायेगा. इस बाबत मुजफ्फर अहमद ने कहा कि वह कुलपति से बात कर रहे हैं, उनसे नहीं. रजिस्ट्रार भी ऊंची आवाज में बाेलने लगे. कहा कि वह प्राेफेसर हैं, रजिस्ट्रार पद से इस्तीफे का पत्र जेब में लेकर चलते हैं. जब तक वह रजिस्ट्रार रहेंगे, तब तक ये सब नहीं होने देंगे.मुजफ्फर अहमद ने कहा कि आप टीएमबीयू में रजिस्ट्रार हैं. जब आपसे बात नहीं हाे रही है, ताे चिल्लाकर क्याें बाेल रहे हैं. मुजफ्फर अहमद ने बताया कि मामले में कुलपति ने बीच-बचाव कर शांत कराया. मुजफ्फर अहमद ने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रार ने उनसे कहा कि एक शिक्षक पूर्व में जब उनके या कुलपति के बारे में शिकायत करते थे, ताे वे उसे फाड़ कर डस्टबिन में फेंक देते थे. उन्होंने ने कहा कि वे इसकी शिकायत लिखित रूप में राजभवन में जाकर करेंगे.
दीक्षांत समारोह में एकेडमिक जुलूस के मुद्दे पर रजिस्ट्रार और वित्त समिति सदस्य मुजफ्फर अहमद में हुई बहसउधर, रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने कहा कि लगाये जा रहे सारे आरोप बेबुनियाद व निराधार है. उन्होंने बताया कि कुलपति आवास पर एक बैठक के सिलसिले में गये थे. उस समय वित्त कमेटी की बैठक हो रही थी. इसी क्रम में वित्त समिति के सदस्य मुजफ्फर अहमद से उनकी बात हुई कि दीक्षांत समारोह में एकेडमिक जुलूस को लेकर आपके द्वारा किया गया विरोध गलत था, क्योंकि विवि एक्ट में वित्त समिति के सदस्यों को शामिल नहीं करने का प्रावधान है. उस समय विवि के अधिकारी ने आपको एक्ट भी दिखाया लेकिन आपने नहीं माना. यह गलत है. इसी बात को लेकर सदस्य गलत तरह से उनसे बात करने लगे. उन्होंने बताया कि माननीय सदस्य हैं. उनसे कोई भी बात तरीके से नहीं की गयी है. शिक्षक हैं, तो क्लास में पढ़ाई जोर से कराते हैं. इसलिए उनकी आवाज जोर से निकलती है.शिक्षक और कर्मचारियों के लिए आजीवन सदस्यता शुल्क 25 हजार
विवि के पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर ने बताया कि बैठक में इंडोर स्टेडियम के लिए शिक्षक व कर्मचारियों के लिए आजीवन सदस्यता शुल्क 25 हजार, परिवार के साथ 30 हजार, शिक्षक और कर्मियों के लिए वार्षिक शुल्क पांच हजार, छात्रों के लिए वार्षिक शुल्क 1200, छात्रों के लिए मासिक शुल्क 100 रुपये तय किया गया है. किसी भी खेल के आयोजन के लिए प्रति हॉल छह घंटों के लिए सात हजार रुपए लगेंगे. जबकि छह घंटा से अतिरिक्त समय के लिए प्रति घंटा एक हजार निर्धारित किया गया है. योगा हॉल छह घंटा के लिए दो हजार रुपये, अतिरिक्त समय के लिए 500 रुपये प्रति घंटा, चेस हॉल के लिए चार हजार रुपये निर्धारित किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है