वरीय संवाददाता, भागलपुरस्वच्छता सर्वेक्षण की टीम के वार्ड 51 में पहुंचने से पहले नगर निगम व एजेंसी की टीम करीब 32 डस्टबिन लेकर पहुंची. पार्षद से कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने आ रही है. डस्टबिन घर-घर रख देते हैं. इस पर पार्षद प्रतिनिधि शशि मोदी ने आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि करीब 13 हजार घर हैं. 32 घरों के सामने डस्टबिन रखेंगे, तो बाकी घर वाले हमारे बारे में क्या सोचेंगे? ऐसा हरगिज नहीं करने देंगे. पार्षद प्रतिनिधि की आपत्ति पर टीम का कहना रहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम के लौटते हटा लिया जायेगा. पार्षद प्रतिनिधि मान नहीं रहे थे, तो उन्हें शहर के विकास का हवाला दिया गया. उन्हें बताया गया कि अगर स्वच्छता सर्वेक्षण में भागलपुर शहर बेहतर स्थान लायेगा, तो इसका फायदा एक-एक वार्ड को मिलेगा. शहर को नाम रोशन होगा. तब पार्षद प्रतिनिधि से सहमति जतायी और 32 घरों के सामने डस्टबिन रखा गया. वहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम पहुंची और निरीक्षण किया. लेकिन, उन्होंने यह भांप लिया कि चूना-ब्लिचिंग का छिड़काव और डस्टबिन अभी रखा गया है. सर्वेक्षण टीम ने कुछ लोगों से फीडबैक भी लिया गया. लोगों का मिलाजुला जवाब रहा.
7 घंटे में 12 वार्ड का हुआ सर्वेक्षण
गुरुवार को स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए आयी टीम ने करीब 7 घंटे में 12 वार्डों का निरीक्षण किया. इस दौरान नगर निगम की खाली पड़े भू-भाग, नालों की सफाई, कचरा प्रबंधन, उठाव, जलनिकासी आदि को देख लिया है. यही नहीं, गली-मोहल्लों और वार्डों की जाम नालियों व मुख्य नालों की उड़ाही की भी व्यवस्था को जान लिया है. जिन वार्डों में निरीक्षण किया गया, उसमें 33, 34, 35, 36, 37, 38, 39, 45, 48, 49, 50 व 51 शामिल हैं.
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