आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने मंगलवार को भवन निर्माण विभाग के निदेशक (गुणवत्ता) ई. गजाधर मंडल के भागलपुर के ज्योति विहार कॉलोनी और पीरपैंती स्थित आवास पर सात घंटे तक छापेमारी की. निगरानी की आठ सदस्यीय छापेमारी टीम का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार सिंह कर रहे थे. टीम ने अभियंता के ज्योति विहार कॉलोनी स्थित गंगोत्री अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 305 और पीरपैंती प्रखंड स्थित उनके पैतृक आवास पर छापेमारी की है. टीम के सदस्यों ने घर के कोने कोने की तालाशी ली है. इस क्रम में नकदी, ज्वेलरी सहित फर्नीचरों के बारे में भी जानकारी ली गयी. फ्लैट से मिले आठ लाख के आभूषण और दो लाख नकद गंगोत्री अपार्टमेंट स्थित अभियंता के फ्लैट से निगरानी की टीम को आठ लाख रुपये मूल्य के आभूषण और दो लाख रुपये नकद मिले हैं. इसके अलावा कई तरह के कागजात मिले हैं. इनमें फ्लैट के भी कागजात हैं. निगरानी के पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार सिंह ने बताया कि उनलोगों को पुख्ता जानकारी है कि निदेशक के पास 15 से 16 महंगे प्लॉट हैं. लेकिन इससे संबंधित एक भी कागजात छापेमारी में अब तक नहीं मिला. मतलब साफ है कि उन कागजात को छिपा कर रखा गया है. निगरानी की टीम मामले में अनुसंधान कर रही है. सारी बेनामी संपत्ति को उजागर किया जायेगा. अगर मौजूदा जांच में कोई लीड मिलता है तो भागलपुर और पीरपैंती स्थित उनके आवास पर आगे भी छापेमारी की जायेगी. पहले दर्ज हुई प्राथमिकी फिर कोर्ट से मिले वारंट के आधार पर छापेमारी श्री सिंह ने बताया कि विभिन्न सोर्स से पता चला कि अभियंता के पास काफी बेमानी संपत्ति है. इस आधार पर विशेष निगरानी इकाई पटना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. प्राथमिकी के बाद कोर्ट के आदेश पर उनलोगों को सर्च वारंट मिला, जिसके आधार पर निगरानी की टीम पटना स्थित एक आवास पर और भागलपुर जिले में दो आवास पर छापेमारी कर रही है. जानकारी मिली है कि अभियंता ने ऑनलाइन कारोबार में भी काफी इनवेस्टमेंट किया है. निगरानी की टीम ने कहा कि इन बिंदुओं पर भी जांच हो रही है. छापेमारी के वक्त भागलपुर में नहीं थे अभियंता छापेमारी के वक्त अभियंता गजाधर मंडल अपने भागलपुर और पीरपैंती आवास पर नहीं थे. ज्योति विहार स्थित फ्लैट में उनकी पत्नी और पुत्र मौजूद थे. निगरानी की टीम ने कहा कि दोनों जांच दल का सहयोग कर रहे हैं, जबकि निगरानी की टीम के सभी सदस्य उनलोगों के साथ विनम्र व्यवहार कर रहे हैं. टीम ने अपनी मौजूदगी में अभियंता की पत्नी और पुत्र को अपनी बात रखने का मौका दिया. लेकिन दोनों ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करने से इनकार किया.
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