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Bhagalpur News: पटरी पार करते ही बदल जाती है दक्षिणी क्षेत्र की दुनिया, बदहाली का रह गया पर्याय

मोहद्दीनगर दुर्गा स्थान सभागार में सिल्क सिटी के दक्षिणी क्षेत्र के लोगों के बीच प्रभात खबर आपके द्वार का हुआ आयोजन

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– मोहद्दीनगर दुर्गा स्थान सभागार में सिल्क सिटी के दक्षिणी क्षेत्र के लोगों के बीच प्रभात खबर आपके द्वार का हुआ आयोजन= शहरी चकाचौंध केवल उत्तरी क्षेत्र में है और केंद्र सरकार की योजना स्मार्ट सिटी का फायदा भी उत्तरी क्षेत्र को ही मिला

वरीय संवाददाता, भागलपुर

कभी सिल्क सिटी भागलपुर का दक्षिणी क्षेत्र आर्थिक समृद्धि के लिए जाना जाता था. एशिया स्तर पर मिरजान हाट गल्ला मंडी की प्रसिद्धि थी. रात्रि में भी चहल-पहल बनी रहती थी और दूर-दूर के व्यापारी व्यापार संबंधी काम से आकर यहीं ठहरते थे. समय गुजरता गया और राजनीतिक व प्रशासनिक उदासीनता के कारण दक्षिणी शहर उपेक्षा का शिकार हो गया और यहां का विकास कोसों दूर हाे गया. यहां आधुनिक सुविधा होना तो दूर, मूलभूत सुविधा भी नहीं है. ग्रामीण क्षेत्र से भी बदतर स्थिति है. अब यह बदहाली का पर्याय बन कर रह गया है. इतना ही नहीं शहर का दक्षिणी क्षेत्र व उत्तरी क्षेत्र की सीमा को रेलवे पटरी ने रेखा खींच कर तय कर दी है. ऐसे में इस क्षेत्र के लोग अक्सर कहते हैं कि पटरी पार करते ही बदल जाती है दुनिया. शहरी चकाचौंध केवल उत्तरी क्षेत्र में है. केंद्र सरकार की योजना स्मार्ट सिटी का फायदा भी उत्तरी क्षेत्र को ही मिला. उक्त बातें मोहद्दीनगर दुर्गा स्थान सभागार में आयोजित प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में दक्षिणी क्षेत्र के लोगों ने चर्चा करते हुए कही.

दक्षिणी क्षेत्र में आता है 13 वार्ड और अब तक के पांच में तीन मेयर यहीं से आये

आते हैं 13 वार्ड और पांच में तीन मेयर कहकशां परवीन, सीमा साहा व डॉ बसुंधरालाल दक्षिणी क्षेत्र से चुनकर आयी

नगर निगम के 51 वार्डों में 13 वार्ड दक्षिणी क्षेत्र में आता है. 39 से लेकर 51 तक वार्ड यहां हैं. नगर निगम की पहली मेयर कहकशां परवीन भी दक्षिणी क्षेत्र अंतर्गत इशाकचक निवासी हैं. वार्ड 47 से पार्षद चुन कर मेयर बनीं थीं. बाद में राज्यसभा सांसद भी बनीं. फिर कमलनगर कॉलोनी क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 50 से पार्षद चुनकर मेयर बनीं. वर्तमान मेयर डॉ बसुंधरालाल अलीगंज से आती हैं. तीन-तीन मेयर दक्षिणी क्षेत्र से चुनी गयी. फिर भी दक्षिणी क्षेत्र की सूरत में कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा है.

न सड़क बेहतर, न ही नाला-नाली, धूल से स्किन व आंख हो रहे खराब

दक्षिणी क्षेत्र के मोहल्ले में न और न ही नाला-नाली सड़क बेहतर है. मुख्य मार्ग भी जर्जर हो गया. धूल से हजारों लोग प्रतिदिन परेशान होते हैं. इससे लोगों का स्किन व आंख खराब हो रहा है. यहां लोग नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं. बरसात में पूरा दक्षिणी क्षेत्र टापू बन जाता है, तो सूखे दिनों में पानी के लिए भागमभाग व मारामारी की स्थिति बनती है. सूखे दिन में भी सड़क पर नाला बहता है और राहगीरों को नाला के पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है.

दक्षिणी क्षेत्र के महत्वपूर्ण मोहल्ले

दक्षिणी क्षेत्र में मुख्य रूप से गुड़हट्टा चौक, मोजाहिदपुर, सिकंदरपुर, मिरजानहाट, वारसलीगंज, मोहद्दीनगर, बाल्टी कारखाना, हुसैनाबाद, मारूफचक, अलीगंज, महेशपुर, बबरगंज, रामनगर, मानिकपुर, कुतुबगंज, कमलनगर, कटघर, काजीचक, इशाकचक, शिवपुरी, छत्रपति नगर, मुल्लाचक, मौलानाचक, गनीचक, पटेलनगर आदि मोहल्ले आते हैं.

मुख्यमार्ग के दोनों ओर नहीं है नाला

दक्षिणी क्षेत्र के अति व्यस्ततम सड़क बौंसी-हंसडीहा मार्ग बिहार-झारखंड को जोड़ने वाली सड़क है. दिनभर सैकड़ों बसें चलती है. इसके अलावा सैकड़ों प्राइवेट पैसेंजर गाड़ियां चलती हैं फिर भी सड़क के दोनों ओर नाला नहीं बनाया गया है. लोगों के घरों का पानी सड़क पर बहता है. हुसैनाबाद के समीप चारों तरफ गंदगी का अंबार है. यहां की सड़ांध राहगीरों को इतनी परेशान करती है कि कई लोग सांस की बीमारी से ग्रस्त हैं.

दक्षिणी क्षेत्र में न मैदान और न पार्क की है व्यवस्था

दक्षिणी क्षेत्र में न मैदान है और न ही पार्क की व्यवस्था है. एक गेंदखाना मैदान है और दूसरा बागबाड़ी का मैदान था. बाजार समिति की जमीन लीज पर देने के बाद यहां का मैदान गायब हो गया. अब मिरजानहाट के समीप गेंदखाना मैदान बचा है, जो कि अव्यवस्थित है. यहां बच्चों के लिए खेलना सुरक्षित नहीं है.

कहने को है दो स्वास्थ्य केंद्र, न एंबुलेंस और न मूलभूत सुविधा

दक्षिणी क्षेत्र में शहरी स्वास्थ्य केंद्र दो हैं. एक हुसैनाबाद और दूसरा मोहद्दीनगर. मोहद्दीनगर का पुराना अस्पताल भी सीमित सुविधा में सिमट गया है. पहले यहां स्थायी चिकित्सक व स्त्री-प्रसव विशेषज्ञ चिकित्सक रहते थे. लोगों का कहना है कि अभी तो लगातार दो साल तक चिकित्सक ही नहीं थे. बार-बार आवाज उठाने पर सप्ताह में तीन दिन चिकित्सक आते हैं. यह नर्स के भरोसे चल रहा है. एक भी एंबुलेंस नहीं है. ऐसे में अचानक बीमारी की हालत में मायागंज अस्पताल जाना पड़ता है.

बागबाड़ी बाजार समिति की सैकड़ों बीघा जमीन उपयोगहीन

बागबाड़ी बाजार समिति की सैकड़ों बीघा जमीन उपयोगहीन है. यहां की सड़क गड्ढे में तब्दील हो गयी है. चारों तरफ असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. बार-बार घोषणा के बाद भी यहां की योजना धरातल पर नहीं उतर पा रही है.

कहते हैं लोग

हसनगंज रोड में एक तरफ नाली बनी है और दूसरी तरफ वर्षों से नाली का निर्माण नहीं हुआ है. उसमें भराव हो जाने के कारण जब भी बारिश होती है, तो नाले से बाहर पानी पूरे रोड पर आ जाता है. जिससे बड़ी ही नारकीय स्थिति हो जाती है. कई लोगों के घर में तो नाली का पानी चला जाता है और काफी दुर्गंध होती है.

कृष्णा साह, अध्यक्ष, नागरिक विकास समिति( दक्षिणी क्षेत्र)

दक्षिणी क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है. जब भी बारिश होती है पूरा हसनगंज रोड तालाब में बदल जाता है. घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. कई दिनों तक जल जमाव रहता है. दुर्गंध और सड़न से स्थिति गंभीर हो जाती है. नाले के पानी से मच्छर का प्रकोप बहुत ज्यादा हो जाता है. एक तरफ की नाली पूरी तरह खुली हुई है.

महादेव शाह, मिरजानहााट, पूर्व प्राचार्य

भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र में लड़कियों की पढ़ाई की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. इस क्षेत्र में एक भी महिला या सामान्य कॉलेज नहीं होने के कारण लड़के-लड़कियों को दूर जाना पड़ता है. कॉलेज के अलावा कोई भी टेक्निकल इंस्टिट्यूट और अच्छा ट्यूशन सेंटर नहीं है. स्कूल और कॉलेज के टाइम में सड़क पर अव्यवस्था फैली रहती है. अक्सर जाम लगा रहता है. इससे लड़कियों को काफी असुविधा होती है.

दिव्या केसरी, गृहिणी, मोहद्दीनगर

कई जगह नाले का ढक्कन हटा हुआ है. अक्सर कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है. मिरजानहाट-मोहद्दीनगर मुख्य मार्ग काफी बुरी स्थिति में है. कई बार सरकारी तंत्र द्वारा इसे खोद कर छोड़ दिया गया है. सड़क जर्जर हो गयी है. इस रोड पर अनियंत्रित ई रिक्शा का परिचालन होता रहता है. बीच सड़क पर रोक कर सवारी लेते हैं. इससे जाम लग जाता है.

प्रमिला प्रमिला प्रसाद, पूर्व विभागाध्यक्ष स्नातकोत्तर विभाग, गृह विज्ञान, टीएमबीयू

भागलपुर विधानसभा क्षेत्र का दक्षिणी भाग वर्षों से अब तक उपेक्षित है. दक्षिणी क्षेत्र में बाजार समिति, बागबाड़ी का लगभग 400 – 500 बीघा जमीन उपयोगहीन है. बिहार सरकार ने इस बार के बजट में बाजार समिति को विकसित करने की घोषणा भी की है.

डॉ राजीव पोद्दार, शिक्षक, समाजशास्त्र विभाग, सबौर कॉलेज

गिरधारी साह लेन के सामने एक चालू गली है. प्रतिदिन मानिकपुर, कुतुबगंज, मोहद्दीनगर से सैकड़ों लोग आवागमन करते हैं. गली सड़क से दो फीट डाउन है. इसलिए दुर्घटना होती रहती है. 30 से 40 तालाब पहले हुआ करता था. अब महादेव तालाब भी अतिक्रमित होता जा रहा है.

– पृथ्वीचंद्र साह, कुतुबगंज

शीतला स्थान चौक से महेशपुर तक व्यस्ततम सड़क है. इस मार्ग में एक भी यूरिनल, यात्री शेड व अन्य नागरिक सुविधा नहीं है. सड़क को अतिक्रमित कर संकरी बना दी गयी है. दक्षिणी क्षेत्र का मुख्य मार्ग यही है. फिर भी सड़क पर अंधेरा रहता है.

भरत कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष, मोहद्दीनगर दुर्गा स्थान

गेंदखाना मैदान मिरजानहाट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के सामने दक्षिणी क्षेत्र का एकमात्र मैदान है. पूर्व में जिला स्तर पर जहां खेल होता था, आज वहां गड्ढे बन गये हैं. वहां का सौंदर्यीकरण जरूरी है. इसे लेकर घोषणा हो गयी. मेयर ने निरीक्षण किया. शिथिलता दिख रही है.

सत्यनारायण मंडल, मोहद्दीनगर

बाजार समिति की सड़क जर्जर है. जगह-जगह गड्ढे हैं. माह में एक बार भी नाला की सफाई नहीं होती है. अलीगंज चौक के समीप बालू का ठेला लगा रहता है. शोरगुल में बच्चे सुबह पढ़ नहीं सकते. स्कूल बस को आने-जाने में दिक्कत होती है. पास में कई स्कूल हैं. यहां शैक्षणिक माहौल जरूरी है.

डॉ सबीता देवी, अलीगंज

समय-समय पर दक्षिणी क्षेत्र की समस्या को उठाना जरूरी है. हॉस्पिटल बहुत पुराना है. पहले स्थायी डॉक्टर रहते थे. बीच में दो साल से चिकित्सक ही नहीं आते थे. कई बार मांग उठाने पर चिकित्सक आये लेकिन सप्ताह में तीन दिन ही आते हैं.

राकेश रंजन केसरी, अध्यक्ष, मोहद्दीनगर दुर्गा स्थान

गेंदखाना मैदान के अतिक्रमण का प्रयास किया गया. लोगों को टहलने की व्यवस्था हो. मंदिर के समीप बच्चे नशे की गिरफ्त में युवा भटक गये हैं. हॉस्पिटल में जाने पर शुक्रवार को पर्ची नहीं काटी गयी, जबकि दोपहर दो बज रहे थे. यहां केवल नर्स बैठती हैं.

राजकुमार साह, मोहद्दीनगर

मोहद्दीनगर पीएचसी में पर्याप्त जमीन व संसाधन है लेकिन चिकित्सक की कमी है. यहां कम से कम तीन चिकित्सकों की नियुक्ति हो. साथ ही एंबुलेंस की बहुत जरूरत है. मोहद्दीनगर में ठेला वाले पर किसी का नियंत्रण नहीं है या पुलिस प्रशासन की मिलीभगत हो सकती है.

सूरज, मोहद्दीनगर

दक्षिणी क्षेत्र में एक भी कॉलेज नहीं है. यहां के छात्र-छात्राओं को पैदल या रिक्शा का किराया चुका कर पांच किलोमीटर तक दूरी तय करना पड़ता है. यहां कोई खेलने व घूमने की जगह भी नहीं है. यहां के लोगों को तीन-तीन किलोमीटर दूरी तय कर सैंडिस कंपाउंड जाना पड़ता है.

सूरज, मोहद्दीनगर

दक्षिणी क्षेत्र को स्मार्ट सिटी योजना का लाभ नहीं मिला. यहां कोई योजना ही धरातल पर नहीं मिल पायी. यहां समस्या ही समस्या है. सुविधा कुछ नहीं है. लोगों को सड़क के किनारे पेशाब करना पड़ रहा है. चारों तरफ अव्यवस्था है. सड़क भी जर्जर हो गयी है.

छोटू पासवान, मोहद्दीनगर

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहद्दीनगर में डॉक्टर व स्टाफ की कमी है. प्रसव व मेटरनिटी सुविधा नहीं है. पोषण साह लेन व बाई लेन में सड़क का निर्माण हो. सभी तालाब की जांच करके वाटर रिचार्ज के लिए तालाब खुदाई हो. महादेव तालाब को भी अतिक्रमण मुक्त कराया जाये.

कुमोद यादव, कमलनगर

दक्षिणी क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या भोलानाथ पुल है. इससे कई लोगों को जमीन बेचना पड़ रहा है. फ्लाइओवर ब्रिज निर्माण धीमी गति से हो रहा है. दुर्घटना में घायल होकर दो महिलाएं विकलांग हो गयी है. कोई देखने वाला नहीं है. स्थानीय लोग परेशान हैं.

बाबुल विवेक, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता

दक्षिणी क्षेत्र में धूल की समस्या है. इससे कई लोगों को स्किन व आंख की समस्या हो गयी है. सफाई व्यवस्था बदतर है. अलीगंज चौक समीप सड़क पर गड्ढे होने के बाद गाड़िया फंस रही है. सड़क निर्माण बरसात से पहले कराना होगा.

सिद्धार्थ साह, अलीगंजB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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