राजा दुष्यंत और शकुंतला के प्रेम, विरह और पुनर्मिलन की कहानी को नाटक शकुंतला में प्रदर्शित किया गया. कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों के मन को छू लिया. कालीदास रचित एवं डॉ चंद्रकांता महानंदा निर्देशित नाटक शकुंतला का मंचन स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट संबलपुर, ओडिशा की टीम ने कौशली (संबलपुरी) भाषा में किया. मौका था रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर की ओर से कला केंद्र में तीसरे दिन समापन समारोह का. संध्या सत्र में विभिन्न प्रांतों से आयी टीम की ओर से अलग-अलग नाटक का मंचन किया गया. देर रात तीन दिन तक हुई सांस्कृतिक प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरण के साथ महोत्सव का समापन हो गया. महोत्सव में बिहार सहित देश के नौ राज्यों मणिपुर, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम के प्रतिष्ठित नाट्य और नृत्य दलों ने अपनी सशक्त प्रस्तुतियों से दर्शकों को भारतीय सांस्कृतिक विविधता का जीवंत अनुभव कराया. तीसरे दिन महोत्सव के अंतिम दिन मंचीय कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी अंकित रंजन, लोक कल्याण शिक्षा स्वास्थ्य समिति की संगीता कुमारी, पंकज कुमार सिंह, तकी अहमद जावेद, जयंत जलद एवं सुमन सोनी ने संयुक्त रूप से किया. अंधेरी गली में जादू का सूट ने दर्शकों को खूब हंसाया पहली प्रस्तुति के रूप में शारदा नाट्य मंच, धनबाद की ओर से प्रख्यात नाटककार अलकनंदन रवित एवं अनिल सिंह के निर्देशित हिंदी व्यंग्य नाटक “अंधेरी गली में जादू का सूट” का मंचन किया गया. नाटक के माध्यम से यह सशक्त संदेश दिया गया कि यदि सत्ता गलत हाथों में चली जाये और जनता जागरूक न रहे, तो लोकतंत्र केवल दिखावा बनकर रह जाता है. नाटक में भूमिका निभा रहे कलाकारों ने दर्शकों को अपने अभिनय से खूब हंसाया. भागलपुर रंग महोत्सव का संचालन कपिलदेव रंग ने किया. तीन दिनों तक चले इस रंग महोत्सव ने यह संदेश स्पष्ट किया कि रंगकर्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक जागरण का सशक्त माध्यम है. रंग जुलूस में उतरा मिनी भारत, लोककला के रंगों में सराबोर हुआ भागलपुर फोटो-आशुतोष तीन दिवसीय भागलपुर रंग महोत्सव के अंतिम दिन सोमवार को रंग जुलूस निकाला गया. जुलूस ने शहरवासियों का मन मोह लिया. शहर के कोतवाली स्थित स्थानीय धर्मशाला से निकले इस जुलूस में देश के विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों की प्रस्तुतियों ने विविधता में एकता का जीवंत संदेश दिया. रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच के तत्वावधान में चल रहे महोत्सव के दौरान निकले रंग जुलूस में बिहार समेत नौ राज्यों के कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए. लोकनृत्य, लोकसंगीत और सांस्कृतिक झांकियों के माध्यम से कलाकारों ने अपनी-अपनी सांस्कृतिक पहचान प्रस्तुत की. रंग जुलूस की 12वीं प्रस्तुति को आयोजन समिति के प्रकाश चंद्र गुप्ता, शिशुपाल भारती, प्रकाश चौधरी, जयंत जलद, विनोद कुमार रंजन, पंकज झा, पंकज सिंह, अरविंद मंडल, राजीव राज सिंह, तरुण घोष, शांतनु गांगुली, महबूब आलम और जिमी हमिदी ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जुलूस का संचालन कार्यक्रम निदेशक कपिल देव मंडल और कार्यक्रम संयोजक दीपक कुमार मंडल के नेतृत्व में हुआ. जुलूस में माउंट फोर्बिस स्कूल, एसएमएस मिशन स्कूल, आसना पब्लिक स्कूल हरदासपुर, लैलक समेत कई विद्यालयों के बच्चों की भागीदारी रही, जिससे आयोजन और अधिक आकर्षक बन गया. रास्ते भर शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर कलाकारों का स्वागत किया. मीडिया प्रभारी धीरज शर्मा ने बताया कि रंग जुलूस का मुख्य उद्देश्य देश की सांस्कृतिक विविधता के बीच राष्ट्रीय एकता का संदेश देना है. इस महोत्सव में बिहार, मणिपुर, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और असम से आये कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सामने रख रहे हैं. भागलपुर रंग महोत्सव का यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक उत्सव के रूप में उभरा, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना का सशक्त संदेश भी देता नजर आया.
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