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bhagalpur news. भागलपुर में दो युवाओं ने बिना मिट्टी व सूर्य प्रकाश के उगाया केसर

भागलपुर के दो युवाओं ने उगाया केसर.

-बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के दो छात्र प्रफुल्ल कुमार व नीरज कुमार साहू ने मिलकर की वेरोपोनिक नामक एक एग्रीटेक स्टार्टअप की शुरुआत

दीपक राव, भागलपुरबिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के दो छात्र प्रफुल्ल कुमार व नीरज कुमार साहू ने सबौर में केसर का हाइटेक प्रोडक्शन किया है. बगैर मिट्टी व सूर्य के प्रकाश के. इस तकनीक की चर्चा देशभर के कृषि विशेषज्ञों के बीच शुरू हो गयी है. प्रयोग के तौर पर 100 ग्राम केसर का उत्पादन किया गया.

इंसुलेटेड ग्रो रूम में आधुनिक तकनीक से केसर उगाने में पायी सफलता

प्रफुल्ल कुमार के अनुसार उन्होंने नीरज कुमार साहू के साथ मिलकर वेरोपोनिक नामक एग्रीटेक स्टार्टअप की शुरुआत की. इसमें सीए प्रदीप कुमार झुनझुनवाला का मार्गदर्शन मिला. केसर का उत्पादन अब तक कश्मीर समेत गिने-चुने जगहों पर ही होता रहा है. पारंपरिक खेती में बदलाव करके आधुनिक तकनीकी खेती को बढ़ावा देने के लिए नयी तकनीक का ईजाद किया. बड़े हॉल में बिना मिट्टी, पानी व सूर्य के प्रकाश में खेती करने में सफलता पायी. एक नियंत्रित वातावरण में एलओटी सेंसर, एलइडी ग्रो लाइट्स, थर्मल सेंसर्स, ह्यूमिडिफायर्स और सीओ टू कंट्रोल टेक्नोलॉजी की मदद से केसर उगाया. नीरज कुमार साहू ने बताया कि आने वाले समय में स्ट्रॉबेरी, माइक्रोग्रिन्स और कॉर्डिसेप्स मशरूम जैसे उच्च मूल्य वाले फसलों की खेती भी इसी तकनीक से करेंगे.

केसर की गुणवत्ता के साथ सालोभर उत्पादन की मिली गारंटी

बकौल प्रफुल्ल कुमार अब कश्मीर से शुद्ध केसर खरीदकर उन्हें इंसुलेटेड ग्रो रूम में आधुनिक तकनीक से उगा रहे है. इससे न केवल केसर की गुणवत्ता बेहतर होती है, बल्कि सालभर उत्पादन भी संभव होता है. अब तक 100 ग्राम केसर का उत्पादन किया. यह बड़ी बात है. सकारात्मक व वैज्ञानिक सोच के साथ लगातार मेहनत से सफलता पायी.

इस इनोवेशन को आइआइटी दिल्ली थिंक स्टार्टअप में मिली मान्यता

इस इनोवेशन को आइआइटी दिल्ली और थिंक स्टार्टअप की ओर से मान्यता मिली. कॉलेज यूथ आइडियाथन कार्यक्रम में 14000 कॉलेजों में से टॉप 25 में इस इनोवेशन का चयन किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान प्रफुल्ल व नीरज के इस तकनीक से अवगत हुए, तो दोनों को प्रोत्साहित किया. प्रफुल्ल कुमार का कहना है कि वह बिहार को केसर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही देश की मांग को पूरा करने में योगदान देना चाहते हैं.

औषधीय गुणों से भरपूर है केसर

केसर एक विशेष प्रकार का मसाला है, जो खूबसूरत रंग, खुशबू और औषधीय गुणों से भरा है. यह बेहद कम जगहों पर पाया जाता है और काफी महंगा होता है. इसे कोई मीठी रेसिपी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. जिससे उस रेसिपी का स्वाद चौगुना बढ़ जाता है. इसके अलावे दूध में भी केसर डाल कर पीने की चलन है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. माना जाता है कि इसके नियमित सेवन से कई बीमारियों से बचा जा सकता है.

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