डीएम भागलपुर सह अध्यक्ष जिला उर्वरक निगरानी समिति डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में समाहरणालय मेंं जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गयी. बैठक में रबी फसल 2025-26 के लिए उर्वरक की आवश्यकता के विरुद्ध आपूर्ति, उपलब्धता और गुणवत्ता की विस्तृत समीक्षा की गयी. बैठक मेंं जिला उर्वरक निगरानी समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे. इस अवसर पर जिला पार्षद अध्यक्ष प्रणव कुमार उर्फ पप्पू ने यूरिया की कालाबाजारी का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि यूरिया ब्लैक में मिल रहा है. प्रति बोरी 285 की जगह पर 400 रुपये मेंं बेचा जा रहा है. उन्होंने प्रखंडवार उपलब्धता की जानकारी देने की मांग की. जिला कृषि पदाधिकारी भागलपुर ने बताया कि वर्तमान मेंं जिले में यूरिया 6079.188 मीट्रिक टन, डीएपी 4757.6 मीट्रिक टन, एनपीके 6225.8 मीट्रिक टन, एमओपी 1464.665 मीट्रिक टन व एसएसपी 2300.825 मीट्रिक टन उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि किसी भी जनप्रतिनिधि अथवा किसानों से यूरिया या अन्य उर्वरक की कमी की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. डीएम ने निर्देश दिया कि सभी खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के पॉश मशीन में दर्शित स्टॉक का भौतिक भंडार एवं स्टॉक रजिस्टर से नियमित सत्यापन कराया जाये. उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए नियमित छापामारी करने और अनियमितता पाये जाने पर संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि रबी 2025-26 में कुल 156 खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों की छापामारी की गयी, जिसमेंं 06 प्रतिष्ठानों में अनियमितता पायी गयी. उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्रवाई करते हुए उनकी उर्वरक अनुज्ञप्ति प्राधिकार को रद्द कर दिया गया. उर्वरक की गुणवत्ता जांच पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने प्रखंड से जिला स्तर तक सेंपलिंग कराये जाने का निर्देश दिया. बताया गया कि वर्ष 2025-26 में 126 अकार्बनिक नमूनों के लक्ष्य के विरुद्ध 88 उर्वरक नमूने संग्रह कर गुण नियंत्रण प्रयोगशाला भेजे गये, जिनमें 19 नमूनों की रिपोर्ट मानक के अनुरूप पायी गयी है. जिलाधिकारी ने शेष लक्ष्य शीघ्र पूरा कर जांच के बाद ही किसानों के बीच उर्वरक वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
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