किसानों के लिए इस वर्ष की खेती अत्यंत कठिन साबित हो रही है. लगातार तीन दिनों से बेमौसम बारिश ने धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है. बाढ़ से किसानों की धान की फसल बर्बाद हो चुकी थी. जो फसल किसी तरह बच गयी थी, किसान उसे बोरिंग व पंपसेट से पटवन कर बचाएं थे. अब धान कटाई के समय पुनः बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. किसानों ने बताया कि धान अब पूरी तरह पक चुका है और कटाई का समय चल रहा था. बारिश से खेतों में पानी भरने लगा है. धान की बालियां जमीन पर गिरने लगी हैं और कटाई में देरी होने से धान में अंकुरण की आशंका बढ़ गयी है, जिससे दाने खराब हो सकते हैं. उनका कहना है कि मौसम की मार उनकी वर्षभर की मेहनत पर भारी पड़ रहा है. किसान अरुण कुमार, रोहित कुमार ने बताया कि बाढ़ से तो पहले ही आधी फसल खत्म हो गयी थी. ऊंचे स्थानों पर बची था, उसे किसी तरह पटबन व खाद डाल कर तैयार किया था. अब कटाई की उम्मीद थी, तब बारिश ने फिर नुकसान कर दिया. मौसम जल्द नहीं सुधरा, तो पूरी फसल बर्बाद हो जायेगी. गंगटी गांव के किसान सिकंदर यादव ने कहा कि धान का दाना पक चुका है. खेत पानी भरने से अब एक सप्ताह या 10 दिन तक धान कटाई संभव नहीं है. सरकार को तत्काल सर्वे करा किसानों को राहत देनी चाहिए. किसानों ने प्रशासन से गुहार लगायी है कि नुकसान का सर्वे कर उचित मुआवजा दिया जाए, उनकी आय पूरी तरह कृषि पर निर्भर है, ऐसे में यदि नुकसान की भरपाई नहीं हुई, तो खरीफ और रबी सीजन में खेती करना मुश्किल हो जायेगा. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अभी दो-तीन दिनों तक बारिश होने की संभावना है.
मूसलाधार बारिश से फसल को नुकसान, किसानों में मायूसी
शाहकुंड प्रखंड क्षेत्र में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से धान की फसल नुकसान होने की संभावना से किसानों में मायूसी है. किसानों के धान मसूर और मक्का की फसल नुकसान होने की प्रबल संभावना है. धान की फसल खेतों में गिर गयी है. मसूर-दलहन की फसल किसानों ने पांच दिन पूर्व लगाये है. किसान लगातार हो रही बारिश से हताश व निराश हैं. इस प्रखंड के छह पंचायत के किसानों ने बाढ़ की विभीषिका झेली और अब बारिश से परेशान हैं. प्रखंड क्षेत्र में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

