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bhagalpur news.पीरपैंती में थर्मल पावर प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू, दूर होगी बिजली की कमी

पीरपैंती में पावर प्लांट निर्माण की प्रक्रिया शुरू.

-बिहार पावर जेनरेशन कंपनी से निविदा जारी, चयनित एजेंसी को खुद के खर्चे पर कराना होगा निर्माण-पावर प्लांट बनने से स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार, आसपास इलाके का होगा विकास

ब्रजेश, भागलपुरबिजली की कमी दूर करने के लिए पीरपैंती में थर्मल पावर प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. प्लांट निर्माण के लिए एजेंसी बहाल की जाने लगी है. अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक एजेंसी चयनित कर ली जायेगी. ये एजेंसी खुद के खर्चे पर प्लांट का डिजाइन व कंस्ट्रक्शन से लेकर सभी तरह के कार्य करायेगी. यानी, अपने पैसे से ही प्लांट स्थापित करेगी और बाद में बिजली बेचकर लागत निकालेगी. पीरपैंती में थर्मल पावर बनने से बिहार आत्मनिर्भर बनेगा और बिजली की बढ़ती मांग पूरी हो सकेगी.

थर्मल पावर का बनेगा तीन प्लांट, 2400 मेगावाट जेनरेट होगी बिजली

पीरपैंती में थर्मल पावर में तीन प्लांट बनेगा. हर एक प्लांट से 800-800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. प्लांट आवंटित कोयला लिंकेज से ईंधन प्राप्त करके स्थापित किया जायेगा.

पहले एसबीपीडीसीएल और एनबीपीडीसीएल को, फिर दूसरे को बेचनी होगी बिजली

बिजली बेचने में एजेंसी के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीसीडीएल) को प्राथमिकता देना अनिवार्य होगा. इन दोनों से बिजली बचने पर तीसरे को बेचा जा सकेगा. एजेंसी को टैरिफ के हिसाब से बिजली बेचनी होगी. यानी, प्लांट का निर्माण से लेकर बिजली खरीद टैरिफ पर निर्भर रहेगा.

1020.60 एकड़ भूमि पर स्थापित होगा प्लांट

थर्मल पावर प्लांट का निर्माण 1020.60 एकड़ भूमि पर होगा. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ऑथरिटी द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए उपलब्ध करायी गयी राशि से 1020.60 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गयी है. इस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड ने राजमहल समूह के कोयला खानों से कोयला आपूर्ति के साथ पीरपैंती में प्लांट इंस्टॉलेशन का सुझाव दिया. यह भूमि कोयला स्रोत के पास है, जिससे कोयले के परिवहन की लागत कम होगी.

थर्मल प्लांट बनने से होंगे फायदे

प्लांट शुरू होने के बाद बिहार में बिजली की कमी दूर होगी.पीरपैंती के आसपास के इलाके का विकास होगा. बिहार की करीब 2 करोड़ आबादी को सीधा फायदा होगा. बिहार में सरप्लस बिजली होगी और बिहार नो पॉवर कट जोन में शामिल होगा. झारखंड के राजमहल और साहेबगंज को भी फायदा होगा.

बॉक्स मैटर

नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी बीएसपीजीसीएल

थर्मल पावर प्लांट प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के आधार पर होगी. बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड को क्रियान्वयन एजेंसी बनायी गयी है. यानी, डल एजेंसी के रूप में बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीजीसीएल) उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) की ओर से थर्मल पावर प्रोजेक्ट से बिजली की खरीद के लिए बोलियां आमंत्रित की है, बीएसपीजीसीएल ने जारी की रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल, 23 अप्रैल को खुलेगा टेक्निकल बिड

बीएसपीजीसीएल ने टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली यानी, निविदा जारी की है. कोई भी इच्छुक एजेंसी भाग ले सकती है. उन्हें दो लिफाफे में निविदा भरनी होगी. एजेंसियों की ओर से अर्नेस्ट मनी डिपोजिट यानी सिक्यूरिटी मनी जमा करने की अंतिम तिथि 21 अप्रैल निर्धारित की गयी है. टेंडर भरने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल रखी गयी है. जबकि, टेंडर 23 अप्रैल को खोला जायेगा. इसमें सफल एजेंसी को बिहार के साथ विद्युत आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा.

कोट :

पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल जारी किया गया है. इस निविदा में एजेंसियों को दो लिफाफे में निविदा भरनी होगी. निविदा में सफल एजेंसी को ही खुद के खर्चे पर प्लांट बनाना होगा और बिजली बेचकर इसकी भरपाई करनी होगी. इस वजह से टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली यानी निविदा जारी की गयी है. सफल एजेंसी को बिहार के साथ विद्युत आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा.

रौशन कुमार भार्गव, इलेक्ट्रिक एग्जीक्यूटिव इंजीनियरबिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड, पटना

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