टीएमबीयू के पीजी पुरुष व रिसर्च हॉस्टल को विवि व जिला प्रशासन की सहयोग से अवैध रूप से रहने वाले छात्रों से मुक्त कराया गया. हाॅस्टलाें में अवैध रूप से रह रहे छात्र कार्रवाई की डर से पहले ही हॉस्टल से निकल गये थे, तो कुछ को हटाया गया. डीएसडब्ल्यू प्राे अर्चना साह, प्राॅक्टर प्राे एसडी झा, सीसीडीसी, विवि के इंजीनियर, हाॅस्टलाें के अधीक्षक सहित व कर्मचारी निर्धारित समय से हॉस्टल खाली कराने के लिए पहुंचे थे. उधर, सदर एसडीओ विकास कुमार, सिटी डीएसपी अजय चौधरी, विवि थाना के अध्यक्ष बलबीर विलक्षण सहित भारी संख्या में पुलिस जवान भी मौके पर पहुंचे थे. जिला प्रशासन की निगरानी में हॉस्टलों के अधीक्षकाें ने अवैध छात्राें की सूची के आधार पर एक-एक कमरा को खंगाला. इस दाैरान सामने आया कि अवैध रूप से रहने वाले अधिकतर छात्र एक दिन पहले कमरा खाली कर चले गये थे. वहीं, शेष या ताे माैके पर नहीं मिले या उनके कमरे में ताला लगा मिला. पीजी हाॅस्टल तीन के चार कमराें में छात्र का ताला लगा था, जिसे तोड़ कर विवि ने अपना ताला लगा दिया. रिसर्च हॉस्टल में कमरा संख्या 13 व 16 का ताला तोड़ कर विवि ने अपना ताला लगाया. हॉस्टल चार में पांच कमरा में ताला लगाया गया. हॉस्टल वन में चार, पांच, छह, आठ, 12, 24 व 25 नंबर कमरा में विवि ने अपना ताला लगाया. दूसरी तरफ हॉस्टलों में रहने वाले वैध छात्रों ने भी अभियान में सहयोग किया. वहीं, छात्र राजद के विवि अध्यक्ष लालू यादव ने एसडीओ को हॉस्टल का रसीद दिखाया. बताया कि रिसर्च के छात्र हैं. रिसर्च हॉस्टल में जगह नहीं मिलने के कारण चार में ही रहना पड़ा है. ऐसे और चार छात्रों ने भी अपनी बात रखी. डीएसडब्ल्यू ने कहा कि उन सभी को रिसर्च हॉस्टल में रहने की व्यवस्था की जा रही है. जिला प्रशासन को हॉस्टल खाली करने की रिपोर्ट दी डीएसडब्ल्यू प्रो अर्चना साह हॉस्टल खाली कराने के बाद अधीक्षकों के साथ अपने कार्यालय में समीक्षा की. इसके उपरांत जिला प्रशासन काे रिपोर्ट भेज दी. बैठक में चार हाॅस्टल व रिसर्च हॉस्टल की रिपाेर्ट तैयार की. कुल 80 छात्रों के अवैध रूप से रहने की थी सूचना विवि के एक से चार हॉस्टल व रिसर्च हॉस्टल में करीब 80 छात्रों के अवैध रूप से रहने की जानकारी मिली थी. इसमें पीजी हाॅस्टल एक में 12, दाे में 23, तीन में नाै, चार में 40 व रिसर्च हाॅस्टल में पांच अवैध छात्र रह रहे थे. बताया जा रहा है कि इससे पहले वर्ष 2019 में भी हाॅस्टल में अवैध रूप से रहने वाले छात्रों से कमरा खाली कराया गया था. उस समय पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रो योगेंद्र थे. मारपीट की घटना के बाद कार्रवाई विवि में 25 अक्तूबर को छात्र राजद व एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें बाद एबीवीपी के छात्र नेताओं ने मामले को लेकर लाेकभवन व तीन दिन पहले गृहमंत्री से शिकायत की थी. इसके बाद हॉस्टलों से अवैध रूप रहने वाले छात्रों से कमरा को मुक्त कराया गया. हॉस्टलों में नहीं है बुनियादी सुविधा हॉस्टलों में वैध रूप से रहने वाले छात्र अभिषेक आनंद, प्रवीण कुमार, अविनाश कुमार, मनीष कुमार आदि ने कहा कि उनलोगों ने पैसे देकर रहने के लिए रसीद कटवाया है, लेकिन बुनियादी सुविधा पूरी तरह ध्वस्त है. पानी, शौचालय, बिजली, टेबल-कुर्सी की सुविधा नहीं है. हॉस्टल की तरफ जानेवाले सड़क मार्ग पर सालों से जलजमाव है. बारिश होने पर नाव से आना-जाना पड़ता है. इसे दुरुस्त करने की मांग की.
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