नाथनगर अंचल प्रशासन की कार्यशैली से नाराज छह पंचायत के लोग आक्रोशित होकर सड़क पर उतर गये और नाराजगी व्यक्त की. जानकारी के अनुसार बुधवार को करीब एक हजार की संख्या में छह पंचायतों के बाढ़ पीड़ितों ने नाथनगर के दोगच्छी बायपास चौक स्थित एनएच-80 पर पहुंच गए और जमकर बवाल काटा. बाढ़ पीड़ितों ने दिन के 11 बजे से दोपहर एक बजे तक पूर्ण चक्का जाम रखा. पीड़ितों का कहना है कि नाथनगर सीओ की कार्यशैली ठीक नहीं है. वह आम जनता के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. कहा कि अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से कहकर थक गए, हमें न बाढ़ राहत मिला, न प्लास्टिक मिली और न ही जीआर राशि की भुगतान की गयी. लोगों ने अंचल नाजिर पर पक्षपात करने व अंचल में उचित काम के एवज में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि नाजिर कहते हैं कि जीआर राशि का लाभ लेने के लिए अब नई इंट्री नहीं होगी. नाजिर द्वारा हमेशा डीएम द्वारा पोर्टल को बंद करने का हवाला दिया जाता है. क्षेत्र के कुल नौ पंचायतों को पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया, जिसमें कुल छह पंचायत ऐसे हैं जहां अभी भी बाढ़ पीड़ितों को जीआर राशि की भुगतान अंचल प्रशासन द्वारा नहीं की गयी है. भूआलपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि नरेंद्र मंडल ने बताया कि हमारे पंचायतों के आधे से अधिक परिवारों का नाम अपलोड नहीं किया गया है. जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं मिलता है. वहीं रत्तीपुर बैरिया पंचायत के उपमुखिया प्रतिनिधी कुंदन कुमार ने बताया कि नाथनगर अंचलाधिकारी रजनीश कुमार को कुल नौ पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने करीब नौ हजार बाढ़ पीड़ितों का फॉर्म भरवाकर जीआर राशि के लिए सौंपा था, लेकिन महज 15 प्रतिशत ही फॉर्म की इंट्री साइट पर की गई. वहीं सड़क जाम व लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की सूचना पर नाथनगर इंस्पेक्टर राजीव रंजन सिंह, सीओ रजनीश कुमार पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की. सीओ ने बताया कि बाढ़ प्रभावितों को निश्चित रूप से जीआर राशि की भुगतान की जायेगी. सीओ ने बताया कि जिन पंचायतों के लोग बाढ़ राहत से वंचित हैं. सभी जनप्रतिनिधियों के साथ प्रखंड परिसर स्थित ट्रायशम भवन में बैठक की गई है. सभी बाढ़ पीड़ितों का फॉर्म अपलोड किया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

