25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

रोजाना 40 लाख रुपये का पानी खरीदकर पी जाते हैं भागलपुर के लोग, बोतल बंद पानी के भरोसे दो लाख आबादी

छह वर्षों में 40 हजार से बढ़ कर 1.50 लाख जार पानी का कारोबार पहुंच गया है. उच्च मध्यमवर्गीय व उच्च वर्गीय लोग बंद बोतल पानी का सहारा ले रहे हैं. इससे लाखों के बोतल बंद पानी का कारोबार रोजाना हो रहा है. लोगों को रोजाना औसतन 40 लाख से अधिक रुपये पानी जार पर लगाना पड़ रहा है.

दीपक राव. भागलपुर. छह वर्षों में 40 हजार से बढ़ कर 1.50 लाख जार पानी का कारोबार पहुंच गया है. उच्च मध्यमवर्गीय व उच्च वर्गीय लोग बंद बोतल पानी का सहारा ले रहे हैं. इससे लाखों के बोतल बंद पानी का कारोबार रोजाना हो रहा है. लोगों को रोजाना औसतन 40 लाख से अधिक रुपये पानी जार पर लगाना पड़ रहा है. पानी कारोबारी बताते हैं कि पानी जार की सप्लाइ शहर के होटल, दुकानों व दफ्तरों में किया जाता है. गर्मी के दिनों में एक कारोबारी 200 से 300 तक पानी जार सप्लाइ कर लेते हैं. पहले शहर में पानी जार की सप्लाई करने वाले 150 से अधिक कारोबारी थे. छह वर्षों में शहर में 500 से अधिक पानी कारोबारी हो गये हैं.

39 वार्डों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं

वाटर वर्क्स से 12 वार्डों व अन्य साधनों से बांकी 39 वार्डों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होने के कारण भागलपुरवासी परेशान हैं. जल प्रदूषण के कारण निम्न मध्यवर्गीय व मध्यवर्गीय लोग सबमर्शिवल, बोरिंग व चापाकल से मुंह माेड़ने को विवश हैं. ऐसे में उनका विकल्प जार वाला पानी, वाटर प्यूरीफायर व बंद बोतल पानी रह गया है. शहर की डेढ़ लाख आबादी जार वाले पानी के भरोसे हैं. इसी का फायदा उठाकर कई ऐसे पानी कारोबारी हैं, जो बिना मानक के पानी का कारोबार कर रहे हैं. शहर के विभिन्न मोहल्लों व पानी कारोबारियों से बातचीत की गयी, तो मालूम चला कि पानी के कारोबार में गोरखधंधा शामिल है. बिना पानी के जांच के पानी सप्लाइ की जा रही है.

आरओ की बिक्री हुई दुगुनी

भागलपुर के आरओ कारोबारी सुमित मावंडिया ने बताया कि भागलपुर में 25 कारोबारी हैं, जो कि आरओ की बिक्री कर रहे हैं. दो वर्षों में आरओ की बिक्री दोगुनी हो गयी है. हालांकि आरओ के साथ वे कारोबारी अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी बेचते हैं. रोजाना भागलपुर बाजार से 25 से 30 आरओ की बिक्री होती है, जबकि पहले 10 से 12 आरओ भी मुश्किल से बिकते थे. वहीं आदित्य विजन के मैनेजर गंगा प्रसाद ने बताया कि प्रतिमाह उनके यहां 20 से 25 आरओ की बिक्री होती है. न्यूनतम कीमत 14 हजार है, जबकि अधिकतम 20 हजार तक है. रोजाना भागलपुर बाजार से 3.75 लाख के आरओ की बिक्री होती है.

20 से 30 रुपये में एक जार

निजी बोरिंग से लोगों को पानी बेचने का प्रचलन जाेरों पर है. सीधे बोरिंग का पानी पांच से 10 रुपये जार व पीने का पानी 20 से 30 रुपये जार बिक रहे हैं.

1200 छोटे-बड़े प्लांट खुले

  • फूड डिपार्टमेंट के कर्मियों की मानें तो जिले के गिने-चुने लोग ही आइएसआइ मार्का है. पानी का कारोबार शुरू करने के लिए यह जरूरी है. बावजूद शहर में बिना अनुमति के गली व मोहल्ले में पानी का प्लांट खुल गया है. जिले में 1200 से अधिक पानी के प्लांट चल रहे हैं.

  • जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि जिला उद्योग केंद्र से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. एमएसएमइ के तहत यह उद्योग होता है. पीएचइडी व फूड डिपार्टमेंट से मानक की जांच करानी होती है.

गंदे जार में भर देते हैं पानी

  • कुछ पानी कारोबारियों ने बताया कि कई लोग बिना मानक के पानी का कारोबार कर रहे हैं. इससे कुशल व्यापारियों की ख्याति भी खराब हो रही है. कई लोग पानी में केमिकल देकर मिठास ला देते हैं, लेकिन पानी अशुद्ध ही रहता है. निगम की ओर से बेहतर व्यवस्था नहीं होने से लोगों का विश्वास नहीं रहा सप्लाई के पानी पर अौर लोग पानी खरीद रहे या आरओ लगा रहे .

  • कई कारोबारी जार की सफाई पानी देने से पहले केमिकल से करते हैं, तो कई लोग कजली लगे जार में ही पानी भरकर भेज देते हैं. इनकी जांच करने वाला कोई नहीं है. 20 लीटर पानी वाले जार का दाम 20 से 40 रुपये तक आता है. कई लोग अपने डिब्बा में खुद पानी भरने के लिए प्लांट पहुंचते हैं, उन्हें 10 रुपये में भी पानी मिल जाता है.

10 हजार कार्टून बोतलबंद पानी से रोजाना 10 लाख का कारोबार

शहर व आसपास क्षेत्रों में 15 से अधिक बोतलबंद पानी के प्लांट स्थापित किये गये हैं. इसमें ब्रांडेड भी शामिल है. एक कार्टून बोतलबंद पानी से 80 से 125 रुपये तक आता है. दरअसल रोजाना 10 हजार कार्टून का कारोबार होता है. ऐसे में प्रतिदिन औसत 10 लाख का कारोबार होता है.

क्या है नियम व मानक

  • उद्योग विभाग से उद्योग आधार

  • फूड विभाग से आइएसआइ मार्का

  • 6 इंच बोरिंग के लिए एनओसी

  • व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए नगर निगम का एनओसी

  • बीआइएस प्रमाण पत्र

  • तय समय पर लैब टेस्ट की रिपोर्ट जमा करना

  • जार को लगातार साफ करना

  • फूड इंस्पेक्टर का निरीक्षण

  • वाटर रिचार्ज सिस्टम का होना

एक लीटर पानी साफ करने में तीन लीटर होता है बर्बाद

आरओ विशेषज्ञों के अनुसार वाटर प्यूरीफाई हर एक लीटर पानी साफ करने के पीछे तीन लीटर पानी बरबाद करता है. इसका 75 प्रतिशत अन्य कई काम में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है. केवल पांच प्रतिशत ही लोग आरओ से निकले पानी का इस्तेमाल करते हैं. इस तरह भागलपुर में पानी के लिए जितने प्लांट लगे हैं उसका आकलन किया जा सकता है कि हम कितना पानी बर्बाद कर रहे हैं. दूसरी ओर निगम द्वारा गंदे पानी की सप्लाइ के कारण यहां सभी आरओ का इस्तेमाल करते हैं तो कितना पानी बर्बाद होता है इसकी कल्पना की जा सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें