ठंड बढ़ने और घने कोहरे रहने से कृषि विभाग ने सरसों, अरहर व आलू लगाने वाले किसानों को सावधान किया है. आलू के पौधे में झुलसा का प्रकोप, सरसों व अरहर में लाही लगने की आशंका बढ़ गयी है. ऐसे में किसानों को संबंधित फसल के पौधे में कीटनाशक दवा का छिड़काव व अन्य प्रकार के रोकथाम के उपाय करना चाहिए. कृषि विभाग के पौधा संरक्षण विभाग ने आलू, तेलहन व दलहन किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इन दवाओं का करें छिड़काव पाैधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक सुजीत कुमार पाल ने कहा कि ऐसे मौसम में आलू के पौधे में झुलसा व सरसों तथा अरहर में लाही के प्रकोप की आशंका बढ़ गयी है. इसके विपरीत गेहूं के पौधे को लाभ मिलेगा. दरअसल अगात आलू, सरसों को अधिक हानि होगी, जबकि बाद वाले फसल को कोई खास असर नहीं होगा. इसके साथ ही किसानों को रोकथाम के उपाय बताये. सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण) श्री पाल ने बताया कि आलू को झुलसा बचाने के लिए रिडोमील, मेंकोजेब, कंपेनियन या मेक्टोजेड-78 का दो ग्राम एक लीटर पानी में मिला कर उसका छिड़काव किया जा सकता है. इसमें स्टीकर या डिटर्जेंट का उपयोग अधिक लाभदायक है. इसी प्रकार सरसों को लाही से बचाने के लिए येलो स्ट्रिकी ट्रैप या पीला फंदा का उपयोग कर सकते हैं. धूप निकलने पर करें दवा का छिड़काव उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि धूप निकलने पर किसानों को दवा का छिड़काव करना चाहिए. इसमें दवा का पूरा प्रभाव कीट व अन्य रोगों पर पड़ता है. दोपहर 12 से दो बजे के बीच दवा का छिड़काव करना अधिक लाभदायक है. फूल निकलने के समय दवा का छिड़काव नहीं करना चाहिए.
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