सब्जियों को संरक्षित करने की होगी व्यवस्था
विभाग के पदाधिकारी की मानें तो हरेक प्रखंड में एक-एक कोल्ड स्टोरेज सह गोदाम का निर्माण 1.14-1.14 करोड़ की लागत से कराया जायेगा. इसे लेकर विभाग की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है. अब हरेक प्रखंड में पैक्स अध्यक्ष की ओर से गोदाम सह कोल्ड स्टोरेज के लिए जमीन चिह्नित करायी जा रही है. साथ ही एनओसी ली जा रही है.हरेक प्रखंड में कम से कम बनाया जायेगा चार बाजार
जिले में सब्जी पैक्स से जोड़े जायेंगे कम से कम 3800 किसान
हरेक पैक्स अध्यक्ष को कम से कम 200 सब्जी उत्पादों को सदस्य बनाना है. ऐसे में पूरे जिले में 3800 सब्जी उत्पादक किसानों को सीधे रूप से इस सहकारी संघ से जोड़ा जायेगा. हाल ही में संघ की बैठक नीतू सिंह चन्द्रवंशी की अध्यक्षता में हुई. जिला सहकारिता पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मणिभूषण प्रसाद ने संचालन किया. इसमें बताया कि सभी प्रखंड स्तरीय सब्जी उत्पादक सहकारी समिति को भागलपुर सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ से सम्बद्धता प्राप्त करना आवश्यक है. सम्बद्धता प्राप्ति के बाद संघ किसी प्रकार की सहायता प्रखंड सब्जी उत्पादक सहकारी समिति को देगा. इसके लिए संघ की सदस्यता शुल्क के रूप में 1000 रुपये तथा संघ का एक शेयर जो 5000 रुपये लेना होगा. इसके लिए समिति में अविलंब सदस्यता अभियान चलाकर सब्जी उत्पादकों को प्रखंड सब्जी उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य बनाया जायेगा. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी प्रखंड सब्जी उत्पादक सहकारी समिति माप तौल की अनुज्ञप्ति प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के अनुसार सभी प्रखंड सब्जी उत्पादक सहकारी समिति का पैन कार्ड एवं जीएसटी नंबर प्राप्त करना जरूरी है. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि सभी प्रखंड सब्जी उत्पादक सहकारी समिति अपने प्रखंड के किसानों से सब्जी खरीद कर बिकी का कार्य प्रारंभ करेंगे तथा इस में संघ की भी सहायता प्राप्त कर सकतें हैं.भागलपुर प्रक्षेत्र सब्जी का है बड़ा उत्पादक क्षेत्र
इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव आलोक अग्रवाल ने बताया कि भागलपुर प्रक्षेत्र कृषि, बागवानी और सब्जी का बड़ा उत्पादक क्षेत्र है. यहां पर विभिन्न प्रकार के खाद्यान्न, फल और सब्जियां पैदा होती हैं. खासकर फल में आम, लीची और केला, सब्जी में टमाटर, परवल, फूल गोभी, भिंडी, बैगन, पत्ता गोभी आदि, खाद्यान्न में मक्का, चावल व गेहूं का इस क्षेत्र में पूरा उपयोग नहीं होने के कारण दूसरे प्रांतों में सप्लाई करना पड़ता है, जिससे यहां के किसानों का उत्पादन का सही दाम नहीं मिल पाता है. औद्योगिक सलाहकार सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने बताया कि उत्तर भागलपुर के बिहपुर, नवगछिया, गोपालपुर में केला व लीची एवं सुलतानगंज, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती, बिहपुर, नवगछिया, गोपालपुर, नाथनगर में आम का उत्पादन भारी मात्रा में होता है. यदि इसका सदुपयोग करने के लिए फूड प्रोसेसिंग कराया जायेगा तो कृषि उत्पादकों को काफी लाभ मिलेगा. राज्य सरकार के कृषि और बागवानी विभागों के आंकड़े बताते हैं कि भागलपुर जिले में सालाना 75 हजार हेक्टेयर भूमि में 80320 मैट्रिक टन आम, 510 हेक्टेयर में 3615 मैट्रिक टन लीची व 1540 हेक्टेयर भूमि में 51120 मैट्रिक टन केला का उत्पादन होता है. इसके अलावा जिले में पांच हजार मीट्रिक टन अमरूद, एक लाख 60 हजार मीट्रिक टन आलू, 52 हजार मीट्रिक टन प्याज और 50 हजार मीट्रिक टन टमाटर की अनुमानित पैदावार भागलपुर में होती है. कोटसब्जी किसानों को बाजार देने की तैयारी शुरू हो गयी है. सरकार के निर्देश मिलने के साथ ही सहकारी विभाग की ओर से सब्जी किसानों के लिए सहकारी संघ बनाया गया. बाजार व संरक्षण के अभाव में अधिकतर सब्जी किसानों की 40 प्रतिशत तक उत्पादित सब्जी बर्बाद हो जाती है. ऐसे में सरकार के इस योजना से सब्जी किसानों की आय दोगुनी-तिगुनी जरूर होगी.
मणिभूषण प्रसाद, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, भागलपुर सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

