राम नाम की महिमा दिव्य और शक्तिशाली है. राम नाम केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक महामंत्र और परम चेतना का प्रतीक है, जो असीम शक्ति रखता है. कष्ट निवारक है यह नाम. सभी दुखों, भय, नकारात्मकता और चिंताओं को दूर करने की क्षमता रखता है. उक्त बातें आचार्य रविशंकर ठाकुर ने गोशाला में आयोजित श्रीराम कथा के तीसरे दिन सोमवार को प्रवचन करते हुए कही. इसी क्रम में उन्होंने जय सियाराम, जय हनुमान, ओम नमः शिवाय, श्री मातृ-पितृ चरण कमलेभ्यो नमः भजन गाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया. आचार्य रविशंकर ठाकुर ने आगे कहा कि राम नाम का जाप करने से मोक्ष का मार्ग मिलना तय है. इससे मन को शांति, आत्मा को शुद्धि, आत्मविश्वास और संकटों से लड़ने की शक्ति मिलती है. आज के युग में, जहां भक्ति और ज्ञान कठिन है, राम नाम ही सबसे सरल और प्रभावी साधना है. आयोजन में प्रेरक विनोद अग्रवाल, पूर्व चेंबर अध्यक्ष श्रवण बाजोरिया, हरे कृष्णा खेतान, चिंटू अग्रवाल, विकास बुधिया, राजेश खेतान, बबीता अग्रवाल, बसंत जैन, खुशबू खेतान आदि का योगदान रहा. श्वेता सुमन के निर्देशन में हुआ रामलीला का आयोजन श्रीकृष्णा कलायन कला केंद्र की निदेशक श्वेता सुमन रचित व निर्देशित श्री रामलीला के तीसरे दिन भी श्रीरामलीला का आयोजन किया गया. पटना से आये कलाकारों ने जीवंत अभिनय किया. सुदामा पांडे, शिवांक, हरिकृष्णा सिंह मुन्ना आदि ने भूमिका निभायी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

