शहर में फिर बंदरों का आतंक बढ़ रहा है. खासकर दक्षिणी क्षेत्र के इशाकचक, लालूचक, अंगारी सिकंदरपुर सहित आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों में बंदरों के झुंड के कारण लोग दहशत में हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी फसल की बर्बादी कर रहे हैं. लालूचक निवासी छोटू मंडल ने बताया कि ठंड के मौसम में हर साल बंदरों का झुंड इस इलाके में पहुंचता है और उत्पात मचाता है. शाम होते ही छतों पर कूद-फांद की आवाजें आने लगती हैं, जिससे महिलाओं और बच्चों में भय का माहौल रहता है. कई बार बंदर लोगों पर हमला भी कर देते हैं, जिसके कारण लोग छत पर जाने से कतराते हैं. शिवपुरी कॉलोनी निवासी परमवीर कुमार ने बताया कि बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि छत पर गेहूं सुखाने में भी डर लगता है. कब झुंड हमला कर दे, कहा नहीं जा सकता. गौरतलब हो की दो दिन पहले मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर स्थित पटेल नगर में एक उग्र बंदर ने वृद्ध महिला पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था. मोहल्ले के लोगाें ने बंदर से खतरा बताते हुए वन विभाग को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई शुरू नहीं हुई है. लोगों का कहना है कि वन विभाग की इस लापरवाही से शहर के विभिन्न इलाके में बंदरों का खतरा मंडरा रहा है. मोहल्लेवासियों ने जल्द से जल्द कोई कदम उठाने की मांग की है.वन विभाग की रेस्क्यू टीम के डॉ सुबोध कुमार ने बताया कि वन विभाग लगातार प्रयासरत है. जिन इलाकों से इस तरह की शिकायत मिलती है, टीम वहां पहुंचती है. सिकंदरपुर पटेल नगर में हुई घटना के बाद रेस्क्यू टीम वहां पहुंची थी और इलाके का जायजा लिया था. अब उस इलाके के लाेगाें को बंदर से कोई खतरा नहीं है, साथ ही कहा कि दक्षिणी क्षेत्र के जिन इलाकों बंदर उत्पात मचा रहे हैं, वन विभाग का आदेश मिलते ही टीम पहुंचेगी.
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