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TMBU में अतिथि शिक्षक बहाली की जांच करेगा निगरानी विभाग

टीएमबीयू में अतिथि शिक्षक की बहाली में गड़बड़ी.

-निगरानी विभाग की ओएसडी ने शिक्षा विभाग के मुख्य निगरानी पदाधिकारी काे जांच के लिए लिखा पत्रटीएमबीयू में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप की अब निगरानी विभाग जांच करेगा. निगरानी की टीम कभी भी विवि आ सकती है. इसे लेकर बहाली प्रक्रिया में शामिल पदाधिकारी व शिक्षकों में हड़कंप मचा है. दरअसल, नियुक्ति में धांधली को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा लगातार शिकायत टीएमबीयू के कुलपति से राजभवन व उच्च शिक्षा विभाग में की जा रही थी. लेकिन विवि में जांच के नाम पर टालमटोल वाला रवैया अपनाया जा रहा था. दूसरी तरफ कुछ मामलाें की विवि के स्तर पर हुई जांच से अभ्यर्थीं असंतुष्ट थे.इतिहास के अभ्यर्थी डॉ कृष्ण बिहारी गर्ग ने निगरानी विभाग को मामले में शिकायत की थी. इस बाबत निगरानी विभाग की ओएसडी डेजी इरानी ने शिक्षा विभाग ने मुख्य निगरानी पदाधिकारी काे जांच के लिए पत्र लिखा है. पत्र के अनुसार अतिथि शिक्षक बहाली से संबंधित सारा दस्तावेज निगरानी विभाग को उपलब्ध कराया गया है. शिकायतकर्ता ने विवि के पूर्व एक वरीय अधिकारी व विवि के एक पदाधिकारी व एक कॉलेज के पूर्व प्रभारी प्राचार्य का नाम भी उल्लेख किया है.डॉ कृष्ण बिहारी गर्ग ने विवि पर गलत पक्ष रखने का आरोप लगाया है. चयन नहीं हाेने पर गर्ग ने राजभवन से गड़बड़ी की शिकायत की थी. इसे लेकर राजभवन ने विवि से जवाब मांगा था. विवि के रजिस्ट्रार प्राे रामाशीष पूर्वे ने राजभवन काे जवाब भेजा था कि गर्ग के पास चयन के लिए पर्याप्त अंक नहीं थे. विवि ने गर्ग का शैक्षणिक प्रदर्शन सूचकांक 73 व इंटरव्यू के चार अंक मिलाकर कुल अंक 77 बताया था. जबकि अन्य चयनित अभ्यर्थी का अंक इससे अधिक बताया गया था. ऐसे में गर्ग का चयन नहीं किया गया. जबकि डॉ गर्ग ने कहा कि उनका शैक्षणिक प्रदर्शन सूचकांक 76 था. चार अंक इंटरव्यू के जुड़े, ताे कुल अंक 80 हाेना चाहिए था.

सलेक्शन कमेटी और एक्सपर्ट से भी हो सकती पूछताछ

डॉ कृष्ण बिहारी गर्ग ने आरोप लगाया कि एक्सपर्ट से सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिये गये थे और नंबर भी पेन के बदले पेंसिल से ही दिये गये थे. जबकि नियम है कि किसी भी बहाली में एक्सपर्ट बाहर से आते हैं. लेकिन 17 विषयों के हुए साक्षात्कार में लगभग विषयों में भागलपुर विश्वविद्यालय के ही वरीय शिक्षक थे. सलेक्शन कमेटी में भी उन्हीं को शामिल किया गया था. ऐसे में निगरानी के अधिकारी सलेक्शन कमेटी और एक्सपर्ट से भी पूछताछ कर सकती है.

चार बजे भोर तक चला था इंटरव्यू

अभ्यर्थी डॉ गर्ग ने आरोप लगाया कि विवि प्रशासन ने आनन फानन में बिना शॉट लिस्ट किये बगैर चार बजे भोर तक जगाकर अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि नियम-परिनियम को ताक पर रखते हुए नेट, जेआरएफ, एसआरएफ व अनुभव वाले अभ्यर्थियों को दरकिनार करते हुए कम शैक्षणिक सूचकांक वाले अभ्यर्थियों को चयन किया गया.

जिला प्रशासन स्तर से मामले में कराया गया है जांच

गड़बड़ी को लेकर एक महिला अभ्यर्थी ने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत की थी. जिला प्रशासन के निर्देश पर सितंबर में जिला कोषागार के वरीय पदाधिकारी देवेंद्र कुमार ने जांच की थी. जिला प्रशासन ने भी बहाली में गड़बड़ी की शिकायत को सही पाया था.

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