नवगछिया खगड़ा गांव स्थित मां बम काली मंदिर में सोमवार की देर रात पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए पट खोल दिया गया. मंगलवार की सुबह से ही मां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गयी. मंदिर परिसर जय मां काली के जयघोष से गूंज उठा. करीब 313 वर्ष पुराने इस मंदिर की ख्याति तांत्रिक पूजा व अलौकिक चमत्कारों के लिए दूर-दूर तक फैली है.मां के दरबार से कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटता. इस शक्तिपीठ की स्थापना बाबू प्रभु नारायण सिंह ने की. उन्हें स्वप्न में मां काली ने दर्शन दिया था. तब से आज तक उनके वंशज तांत्रिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर रहे हैं. कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर यहां छाग की बलि बलि दी जाती है. मां की आठ फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित होती है. निशा पूजन व नयन पूजन के दौरान भक्तों को अलौकिक अनुभव होता है. काली पूजा मेला कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि दो दिवसीय पूजा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है. मंगलवार को भव्य आरती और ज्योत का आयोजन हुआ. बुधवार को मां की प्रतिमा का गंगा में विसर्जन किया जायेगा. समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह व सदस्य धीरज सिंह ने कहा कि मां बम काली की पूजा में शामिल होने वाला हर भक्त एक अनोखी शांति और शक्ति का अनुभव करता है. मुख्य पुजारी पंडित रंजीत शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष 20 अक्तूबर को प्रतिमा स्थापना, 21 अक्तूबर को संध्या आरती और 22 अक्तूबर को महाआरती व विसर्जन होगा.
मां काली की हुई निशा पूजा
नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत छह स्थानों पर सोमवार की रात मां काली की प्रतिमा पिंडी पर विराजमान हुई. मां काली की प्रतिमा के साथ आवाह्नित देवी-देवता की पूजा की गयी. जगह-जगह पुलिस बल तैनात किये गये हैं. प्रख्यात शक्तिपीठ नवटोलिया की दक्षिणेश्वरी काली मंदिर, मधुरापुर के छोटी बाम काली, मधुरापुर बाजार काली मंदिर, भ्रमरपुर, बीरबन्ना व नुरूद्दीनपुर गांव के काली मंदिर में विधि-विधान से पूजा हुई. मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा.
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