दस माह पहले बिछुड़े पांच वर्षीय बालक से शनिवार को उसके माता-पिता मिलकर फफक पड़े. परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी. परवत्ता थाना क्षेत्र के राघोपुर के शशि कुमार मंडल ने 19 जनवरी को अपने पांच वर्षीय पुत्र के लापता होने की सूचना थाना को दी थी. उन्होंने बताया था कि बेटा घर के दरवाजे पर खेल रहा था, तभी अचानक गायब हो गया. काफी खोजबीन और प्रयास के बावजूद बालक का कोई सुराग नहीं मिला.परवत्ता थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
पुलिस जांच में सामने आयी चौंकाने वाली कहानी
कांड के अनुसंधान में परवत्ता थाना पुलिस को सूचना मिली कि इस्माइलपुर थाना क्षेत्र के नीज टोला के चित्रलेखा देवी के पास एक पांच वर्षीय बालक है, जो उनका नहीं है. सूचना पर परवत्ता पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर चित्रलेखा देवी से पूछताछ की. पूछताछ में उसने बताया कि बीते कुंभ मेले से स्नान कर घर लौटते वक्त भागलपुर रेलवे स्टेशन के पास उन्हें एक रोता बालक मिला था. उसने आसपास बच्चे के अभिभावकों को काफी खोजा, लेकिन जब कोई नहीं मिला, तो वह दया भाव से उसे अपने साथ घर ले आयी.चित्रलेखा देवी ने बताया कि उन्होंने गांव के लोगों को इसकी जानकारी दी थी कि यदि कोई व्यक्ति बच्चे को खोजते आए तो उसे सूचित करें. उनके पहले से चार बच्चे हैं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है.पुलिस ने करायी पहचान, समझौते से सुलझा मामला
जांच के दौरान पुलिस ने राघोपुर के शशि मंडल को सूचना दी कि एक बालक उनकी गुमशुदगी बच्चा से मिलता-जुलता है. शशि मंडल अपने परिजनों के साथ इस्माइलपुर पहुंचे और बच्चे की पहचान की. उन्होंने बताया कि वह बच्चा वास्तव में उनका ही पुत्र है. जब उन्होंने चित्रलेखा देवी से बच्चे को वापस करने का अनुरोध किया, तो उन्होंने बिना किसी आपत्ति के सहर्ष बच्चे को उसके परिजनों को सौंप दिया.परिवार में खुशी का माहौल
बालक के सकुशल लौटने पर परिवार और ग्रामीणों में हर्ष का माहौल है. अब भी यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर राघोपुर से वह बालक भागलपुर रेलवे स्टेशन कैसे पहुंच गया. इस सवाल का जवाब पुलिस तलाशने में जुटी है.थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है. फिलहाल बच्चा अपने परिजनों के साथ सुरक्षित है और परिवार ने चित्रलेखा देवी के प्रति आभार व्यक्त किया है जिन्होंने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए 10 माह तक उस बच्चे की देखभाल की.
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