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Bhagalpur News: सोशल मीडिया पर लापरवाही हुई, तो भुगतना होगा गंभीर परिणाम

वर्तमान में सोशल मीडिया पर बच्चों से लेकर बुर्जुगों तक की पहुंच है. एक तरफ सोशल मीडिया हमें देश और दुनियां से जोड़ता है, कई ज्ञान की बातों को हमसे साझा करता है, नये-नये उर्जावान लोगों को जानने और समझने का अवसर प्रदान करता है, तो दूसरी तरफ इसका नकारात्मक पहलू बहुत ही दुखद है.

साइबर सुरक्षा पर खास

ऋषव मिश्रा कृष्णा, भागलपुर

वर्तमान में सोशल मीडिया पर बच्चों से लेकर बुर्जुगों तक की पहुंच है. एक तरफ सोशल मीडिया हमें देश और दुनियां से जोड़ता है, कई ज्ञान की बातों को हमसे साझा करता है, नये-नये उर्जावान लोगों को जानने और समझने का अवसर प्रदान करता है, तो दूसरी तरफ इसका नकारात्मक पहलू बहुत ही दुखद है. सोशल मीडिया के इस्तेमाल में सतर्कता जरूरी है अन्यथा यह व्यक्तिगत और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है. शहर में पिछले दिनों सोशल मीडिया पर हुए विभिन्न प्रकार के क्राइम पर नजर डालें तो साफ जाहिर होता है कि सावधानी गयी और दुर्घटना घटी.

1. साइबर बुलिंग : यह तब होता है जब किसी व्यक्ति को सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर जान-बूझकर तंग किया जाता है, उनका मजाक उड़ाया जाता है या मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है.2. फिशिंग : इसमें अपराधी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से संवेदनशील जानकारी, जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड आदि हासिल करने की कोशिश करते हैं.

3. अश्लील सामग्री : सोशल मीडिया पर अश्लील तस्वीरें, वीडियो या अन्य सामग्री पोस्ट करना, जो समाज में नकारात्मक प्रभाव डालती है.

4. फेक न्यूज : सोशल मीडिया पर झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाना, जो समाज में डर, घृणा या असहमति पैदा करती है.5. आइडी चोरी : अपराधी किसी व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट को हैक करके या धोखाधड़ी से उसकी पहचान का दुरुपयोग करते हैं.6. सेक्सटिंग : निजी और यौन चित्रों या संदेशों को भेजना, जो बाद में किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा सार्वजनिक किये जा सकते हैं.

7. हैकिंग : किसी अन्य व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट को अवैध रूप से एक्सेस करना और उसका दुरुपयोग करना.

8. डिजिटल स्टॉकिंग : किसी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधियों का पीछा करना, उसे परेशान करना या व्यक्तिगत जानकारी के लिए उसका अनधिकृत तरीके से पीछा करना.9. धोखाधड़ी : किसी व्यक्ति या संगठन को धोखा देकर पैसे या अन्य लाभ प्राप्त करना, जैसे ऑनलाइन व्यापार में नकली उत्पाद बेचना.10. धमकी और शोषण : सोशल मीडिया का उपयोग लोगों को धमकाने या शोषण करने के लिए किया जाता है, जैसे किसी को हिंसा की धमकी देना.

इस तरह रहें सतर्क

इन अपराधों से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है और सोशल मीडिया पर सुरक्षित रहने के उपायों को अपनाना चाहिए. जैसे पासवर्ड को मजबूत रखना, निजी जानकारी को साझा न करना और संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करना.

सोशल मीडिया से जुड़े 90 फीसदी मामलों को पुलिस नहीं कर पा रही एक्सेस

सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों के मामलों में पुलिस की लापरवाही एक गंभीर समस्या बन गयी है. थाने 90 प्रतिशत मामलों में अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय इन्हें साइबर थाना और साइबर सेल को भेज देती है, जिसके कारण आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह मुद्दा अब प्रशासन के लिए गंभीर बन गया है और इस पर सख्त कदम उठाने की तैयारी की जा रही है.

साइबर एक्सपर्ट दीपक कुमार ने इस पर शिकायत की थी कि थाने सोशल मीडिया अपराधों में कार्रवाई करने के बजाय इसे साइबर थाना को सौंप देते हैं, जबकि उन्हें इसके लिए पूरी तरह से अधिकार प्राप्त है. पुलिस अधिकारी सरकारी ईमेल के माध्यम से संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आरोपी की जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, और आईपी एड्रेस प्राप्त कर सकते हैं. इसके बाद पुलिस सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद करा सकती है, लेकिन थाना इसे नजरअंदाज करते हुए मामले साइबर थाना पर छोड़ देते हैं. इस पर आर्थिक अपराध इकाई ने सभी वरीय पुलिस अधीक्षकों और रेल एसपी को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने थानों में सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों में कार्रवाई सुनिश्चित करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही को रोकें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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