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bhagalpur news. सिंडिकेट की बैठक तय करेगा अतिथि शिक्षकों का भविष्य व वेतन

टीएमबीयू में अतिथि शिक्षकों की बहाली को लेकर तरह-तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं

टीएमबीयू में अतिथि शिक्षकों की बहाली को लेकर तरह-तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं. इस बाबत कई अतिथि शिक्षक अभ्यर्थियों ने राजभवन, सरकार, उच्च शिक्षा विभाग, राष्ट्रपति भवन व पीएमओ तक बहाली में गड़बड़ी की आरोप लगाकर लिखित शिकायत की है. दूसरी तरफ विवि में होने वाले सिंडिकेट की बैठक उन अतिथि शिक्षकों का भविष्य व वेतन तय करेगा. जानकारी हो कि विवि में अप्रैल में ही 67 अतिथि शिक्षकों की बहाली की गयी है. चार माह बीत जाने के बाद भी उनलोगों को मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि अतिथि शिक्षकों को जो नियुक्ति पत्र मिली थी, उसमें लिखा गया था कि सिंडिकेट बैठक की प्रतिआशा में बहाली की जा रही है. सिंडिकेट की बैठक होने पर बहाली की पुष्टि सदन से की जायेगी. इसी बीच राजभवन ने तत्कालीन कुलपति प्रो जवाहर लाल के नीतिगत निर्णय पर रोक लगा दिया था. ऐसे में करीब पांच माह बीत जाने के बाद भी सिंडिकेट की बैठक विवि में नहीं हो पायी. वर्तमान में विवि के प्रभारी कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा ने सिंडिकेट की बैठक, एकेडमिक काउंसिल, बजट सीनेट, वित्त समिति की बैठक, प्रमोशन सहित कई जरूरी बैठक के लिए राजभवन को पत्र लिखकर मंजूरी मांगी है.

सिंडिकेट में आने पर ही होगा फैसला – सिंडिकेट सदस्य

विवि के सिंडिकेट सदस्य डॉ केके मंडल ने कहा कि सिंडिकेट की बैठक में ही अतिथि शिक्षक बहाली को लेकर फैसला आयेगा. कहा कि अतिथि शिक्षक बहाली को लेकर सिंडिकेट की बैठक नहीं बुलायी गयी. जबकि चुनाव के बाद सिंडिकेट में मानक के अनुरूप के सदस्यों की संख्या भी है, लेकिन तत्कालीन कुलपति प्रो जवाहर लाल ने बैठक नहीं बुलायी. कहा कि बैठक में अतिथि शिक्षकों का भविष्य व वेतन तय होगा.

मानदेय के लिए लगा रहे विवि का चक्कर

विवि में नवनियुक्त अतिथि शिक्षकों को योगदान देने से करीब चार माह बीत चुका है. मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. इसे लेकर अतिथि शिक्षक विवि का चक्कर लगा रहे हैं. रजिस्ट्रार से मिलकर मानदेय भुगतान की मांग कर रहे हैं. हालांकि, विवि की तरफ से स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है.

अनियमितता का आरोप लगा उच्चस्तरीय जांच की मांग

अतिथि शिक्षक अभ्यर्थी डॉ कृष्ण कुमार गर्ग ने बहाली में अनियमितता का आरोप लगा उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने राज्यपाल सहित सूबे के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, विभाग के प्रधान सचिव और विवि के कुलपति को आवेदन देकर कहा कि अतिथि शिक्षक नियुक्ति में अभ्यर्थी के रूप में मैंने ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आवेदन किया था. अनियमितता के कारण हमारा चयन नहीं किया गया. इसका प्रमाण रिजल्ट प्रकाशन के उपरांत प्राप्त हुआ. जब रिजल्ट के बाद असंतुष्ट होकर विश्वविद्यालय और राज्यपाल के यहां शिकायत की, तो राज्यपाल सचिवालय से हमें गलत जानकारी देते हुए मुझे शैक्षणिक सूचकांक -73 और मौखिक परीक्षा का अंक चार दर्शाते हुए हमें पत्र के माध्यम से चयनित अभ्यार्थी से कम दर्शाया गया. जबकि हमारा शैक्षणिक सूचकांक- 76 हैं और मौखिक परीक्षा में हमें चार अंक ही प्राप्त है. उसके बाद हमारा स्कोर 80 होता है. चयनित अभ्यार्थी का ईडब्ल्यूएस श्रेणी में शैक्षणिक सूचकांक 65 है, तो क्या उन्हें चयन करने के लिए मौखिक परीक्षा में 15 का 15 अंक प्राप्त हुआ.

कोट –

अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान को लेकर सरकार से राशि से मांग की गयी है. राशि आने के बाद भुगतान किया जायेगा.

प्रो रामाशीष पूर्वे, रजिस्ट्रार, टीएमबीयू

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