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Bihar News: राह भटके बच्चों को अपने माता-पिता से मिलवा रहा गूगल और आधार कार्ड, 150 से अधिक बच्चे लौटे घर

भागलपुर में जनवरी 2021 से अब तक 74 बच्चे व 95 वैसी बच्चियों को अपना घर मिल गया जो राह भटक गये थे और अपने माता-पिता से बिछड़कर यहां बालक या बालिका गृह में रह रहे थे. इसमें गूगल और आधार कार्ड की भी भूमिका रही है.

संजीव,भागलपुर: राह भटक कर या किसी अन्य वजह से भागलपुर पहुंचे अधिकतर नाबालिग बच्चों के लिए जनवरी 2021 से अब तक का दौर सुखद अनुभूति वाला रहा. ऐसे 74 बच्चे व 95 बच्चियों को अपना घर मिल गया. ये सभी भागलपुर के बालक व बालिका गृह में रह रहे थे.

आधार कार्ड और गूगल से मदद मिली

यह अब तक का रिकॉर्ड ही है कि इतनी संख्या में बच्चों को उनके माता-पिता तक पहुंचने में सहयोग मिल सका. इनमें कई बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता को ढूंढ़ पाने में आधार कार्ड और गूगल से मदद मिली. ऐसे बच्चों का आधार कार्ड पहले से नहीं बना होता, तो उनका घर ढूंढ़ पाना संभव नहीं हो पाता.

133 बच्चियां पहुंचीं भागलपुर

जनवरी 2021 से अब तक राह भटक कर या किसी अन्य वजह से भागलपुर पहुंचनेवाली बच्चियों की संख्या 133 है. इनमें 95 बच्चियों को उनके घर मिल जाने पर भेज दिया गया. वर्तमान में 15 बच्चियां स्कूल जाती हैं. दो बच्चियां होटल मैनेजमेंट कोर्स करने के लिए सरकार द्वारा बेंगलुरु भेजी गयी हैं.

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120 बालक भटक कर पहुंचे भागलपुर

जनवरी 2021 से अब तक 120 बच्चे भटक कर या किसी अन्य कारणों से भागलपुर पहुंचे. इन्हें बाल गृह में रखा गया. इनमें 72 बच्चों को वापस घर भेजा गया. 34 बच्चों को दूसरे जिले के बालक गृह में शिफ्ट किया गया. दो बच्चे को आधार कार्ड से ढूंढ़ा गया. 33 बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं.

गूगल से ढूंढ़ा गया था एक बच्चे का पता

एक बच्चा वर्ष 2019 में भटक कर भागलपुर पहुंचा था. तभी से वह बाल गृह में रह रहा था. वह बंगाली भाषा में बोलता और मलिकपुर के होने का बताता रहता था. बालगृह प्रशासन ने जब गूगल पर मलिकपुर की तलाश की, बांगला भाषी क्षेत्र मलिकपुर हावड़ा में मिला. वहां के संबंधित अथॉरिटी से संपर्क किया गया, तो बात सच निकली और 19 जुलाई 2021 को घर पहुंचाया गया.

आधार कार्ड बनाने गये, तो मिला घर का पता

बाल गृह में रहनेवाले सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए जनवरी 2021 में दो बार शिविर आयोजित किया गया था. इसमें 31 बच्चे का आधार कार्ड बना, पर सात बच्चे का रिजेक्ट हो गया. रिजेक्ट बच्चे के लिए विभाग को लिखा गया. जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने निदेशालय को लिखा. निदेशालय ने यूआइडीएआइ को लिखा. यहां से बाल गृह को पूर्व में बना दो बच्चे का आधार कार्ड भेजा गया.

प्रयास लगातार जारी है

74 बच्चे व 95 बच्चियों को जनवरी 2021 से अब तक उनका घर भेजा जा चुका है. यह प्रयास लगातार जारी है, ताकि बच्चों को अपना घर मिल सके. इसमें बालक व बालिका गृह के कर्मी भी काफी मेहनत करते हैं.

भास्कर प्रियदर्शी, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई

Published By: Thakur Shaktilochan

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