घोघा जानीडीह पंचायत के ओलपुरा स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में नौ दिवसीय रामकथा के पहले दिन कथा वाचक मानस कोकिला संगीता सुमन ने कहा कि ईश्वर की कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है. इस घोर कलयुग में रमात्मा के नाम ही सहारा है. जिसने भी भगवान का नाम लिया, चाहे वह ध्रुव हो या प्रहलाद, नीच से नीच पापी भी परमात्मा के नाम लेने से उन्हें मुक्ति मिल जाती है. ईश्वर का नाम हम सबको अवश्य जपना चाहिए. भगवान से बढ़ कर भगवान का नाम है. कथा के पूर्व कमेटी के अध्यक्ष सुनील यादव, ध्रुव साह, मुरलीधर साह, कैलाश गुप्ता, काशी साह, सरयुग यादव ने कथा वाचक को व्यास गद्दी पर स्वागत कर माला व अंग वस्त्र से सम्मानित किया.
कमरगंज में निकाली गयी भव्य कलश शोभायात्रा
फोटो सं- 6सुलतानगंज. शारदीय नवरात्र के पहले दिन सोमवार को दुर्गा पूजा समिति कमरगंज की ओर से भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गयी. कलश यात्रा में मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक नौ कुंवारी कन्याएं शामिल रहीं. शोभायात्रा में सैकड़ों ग्रामीण श्रद्धालु शामिल हुए. कलश यात्रा गांव के प्रमुख मार्गों से होते हुए भ्रमण करती दुर्गा मंदिर पहुंची. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर पूजा-अर्चना की गयी. पूरे गांव में शोभायात्रा को लेकर उत्सव जैसा माहौल रहा. मौके पर समिति के अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव, सचिव चंद्रमौलेश्वर, परमेश्वर राय, सीतराम यादव, लक्ष्मण भगत, भैरव साह, गुणेश्वर मंडल, राजेश यादव, कारेलाल मांझी, कुंदन, त्रिवेणी मंडल सहित कई गण्मान्य लोग मौजूद थे. श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा से सुख-समृद्धि और शांति की कामना की.नयी दुर्गा स्थान ध्रुवगंज में नव दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ
नवगछिया ध्रुवगंज स्थित नयी दुर्गा स्थान परिसर में नव दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ. प्रथम दिवस पर व्यास पीठ से पूज्य कथाव्यास आचार्य मांगन महाराज ने श्रीराम कथा के महात्म्य व उसके दार्शनिक महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि श्रीराम कथा केवल धार्मिक आख्यान मात्र नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन को मर्यादा, सत्य, कर्तव्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है. रामचरितमानस में वर्णित आदर्श चरित्र मानव जीवन को सजाने और समाज को सुदृढ़ बनाने की दिशा प्रदान करते हैं. आचार्य ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन हर वर्ग, हर पीढ़ी और हर परिस्थिति में प्रासंगिक है. कथा के श्रवण से मनुष्य के हृदय में भक्ति, करुणा, सेवा और त्याग की भावना जागृत होती है. यह जीवन में उत्पन्न अंधकार को दूर कर आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करती है. कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण, वैदिक मंत्रोच्चार और देवी-देवताओं के भव्य पूजन के साथ हुआ. कथा श्रवण के लिए क्षेत्रीय श्रद्धालु, धर्मप्रेमी बंधु और कई गणमान्य उपस्थित थे. नौ दिनों तक प्रतिदिन प्रातः व संध्या बेला में कथा एवं भजन संध्या का आयोजन किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

