-पशुधन गणना की फाइनल रिपोर्ट 30 अप्रैल को केंद्र सरकार के निर्देश पर होगा जारीवरीय संवाददाता, भागलपुर
जिला पशुपालन विभाग की ओर से पंचवर्षीय पशुगणना कार्यक्रम आखिरी चरण में है. 25 नवंबर को शुरू हुई पशुगणना 30 अप्रैल को पूरी होगी. फाइनल डाटा तैयार किया जा रहा है. अब तक की गणना के अनुसार पिछले गणना की तुलना में जिले में 23 फीसदी पशु बढ़े हैं.जिले में एक भी हाथी नहीं
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अंजलि सिन्हा ने बताया कि पशुधन गणना फाइनल स्टेज में है. हाउस होल्ड 123 प्रतिशत है. ऐसे में 23 प्रतिशत तक पशुपालन बढ़ गया है. पहले नेटवर्किंग में गड़बड़ी के कारण निर्धारित समय 28 फरवरी था, जिसे बढ़ाकर मार्च कर दिया गया और अब आखिरी बार 30 अप्रैल किया गया. अब तक की गणना में जिले में एक भी हाथी नहीं मिला है. पहले पीरपैंती में था.फरवरी तक कुल 4.7448 लाख पशुओं व नौ लाख पक्षियों की गणना हो पायी थी. पशुगणना कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार ने बताया कि यह गणना प्रत्येक पांच वर्षों में होती है. 220 प्रगणन व 37 पर्यवेक्षक दिन-रात काम में लगे हैं, ताकि 30 अप्रैल तक कार्य को पूरा किया जा सके. नौ लाख पक्षियों की गणना में 90 प्रतिशत कुक्कुट है, बाकी बत्तख, बटेर व कबूतर हैं. पशुओं में अलग-अलग डाटा कार्य पूरा होने के बाद ही इसे तैयार किया जा सकेगा. प्रगणक स्तर तक प्रतिदिन मॉनीटरिंग की जा रही है.
इन पशुओं की हो रही गिनती
मुख्य रूप से गाय, भैंस, बकरियां, सुअर, घोड़ा, कुत्ते, मुर्गा, बत्तख व अन्य तरह के जीव-जंतु हैं, जिनकी गिनती की जा रही है. नोडल पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार ने बताया कि हरेक पांच साल में पशुगणना होता है. पांच साल पहले हुई गिनती में 8.97 लाख गाय व भैंस मिले थे. वहीं 4.80 लाख बकरी व भेड़ की गिनती हुई थी.पहले आइडी नहीं मिलने से पशुगणना में हुई थी देरी
पशुधन गणना कार्यक्रम पर सांकेतिक उद्घाटन के बाद ब्रेक लग गया था. आइडी नहीं मिलने की वजह से गणना रोकनी पड़ी थी. केंद्र सरकार की ओर से आइडी मिलने के बाद ही एप पर पशुओं की गिनती का डाटा तैयार किया जाना था. तिलकामांझी स्थित जिला पशुपालन विभाग के कार्यालय से एमएलसी डॉ एनके यादव ने गणना कार्य का सांकेतिक शुभारंभ किया था.
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