= लगातार मिल रहे लाभुकों के आवेदनों की पड़ताल के दौरान हुआ खुलासा, डाक अधीक्षक के निर्देश पर लिया एक्शन
संवाददाता, भागलपुर
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी) के माध्यम से फर्जी तरीके से निकासी कर कुछ लोगों ने डाक विभाग को 92 हजार रुपये का चूना लगाया है. फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब कुछ लाभुकों की ओर से उनके एनएससी के मेच्योर होने के बाद उसकी निकासी का आवेदन दिया गया, पर जब डाक विभाग के पदाधिकारियों ने उन खातों की जांच की, तो पाया कि उन खातों से पूर्व में ही निकासी की जा चुकी है. विभाग की ओर से मामले में पहले आंतरिक जांच की गयी. जिसमें चार अभियुक्तों द्वारा मिल कर एनएससी के माध्यम से लाभुकों के पैसों की फर्जी निकासी किये जाने का मामला संज्ञान में आया.मामले की जानकारी डाक अधीक्षक को दी गयी. जिस पर डाक अधीक्षक ने मामले में चार अभियुक्तों के विरुद्ध नामजद केस दर्ज कराने का निर्देश दिया. भागलपुर प्रमंडल के डाक निरीक्षक रवि राज की ओर से तिलकामांझी थाना को दिये आवेदन के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. डाक विभाग की ओर से की गयी फर्जी निकासी से संबंधित कई साक्ष्य भी पुलिस को मुहैया कराया गया है.
एनएससी निबंधन संख्या 11717 एवं 11718 से फर्जी तरीके से निकासी
डाक निरीक्षक की ओर से तिलकामांझी थाना को दिये आवेदन में मशाकचक बाेस पार्क के पास सुशीला क्लिनिक के समीप रहने वाले अजय कुमार सिंह, सुरेश चाैधरी (पता का उल्लेख नहीं), लखीसराय जिला के मानाे गांव के निवासी एसकेपी सिंह और बरारी हाउसिंग बाेर्ड हाई स्कूल के पास रहने वाले डीके झा को नामजद अभियुक्त बनाया है. जिसमें आरोप लगाया गया है कि फर्जी हस्ताक्षर कर एनएससी निबंधन संख्या 11717 एवं 11718 से फर्जी तरीके से निकासी की गयी है.दाेनाें निबंधन संख्या से क्रमश: 50 हजार और 42 हजार रुपए की निकासी हुई है.
डाक विभाग काे लाभुकाें ने शिकायत की थी, जब वह अपना रुपया लेने आए ताे पता चला कि उनके नाम पर किसी ने निकासी कर ली है. इसके बाद इस मामले की जांच पड़ताल 2016 से शुरू हुई और इसे लटकाए रखा. आवेदन देने वाले पीड़ित पक्ष के रविंद्र कुमार बिहपुर झंडापुर के रहनेवाले हैं. जबकि उनके पत्राचार का पता राधा रानी सिन्हा राेड स्थित आदमपुर का दिया है. वहीं रामनरेश सिंह के पते की जानकारी विभाग की ओर से नहीं निकाली जा सकी है. इधर आशंका जतायी जा रही है कि मामले में अगर और भी लाभुकों की शिकायत आती है तो आशंका है कि फर्जी निकासी की राशि बढ़ सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है