भागलपुर
टीएमबीयू में शिक्षक अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र की जांच होगी. इसे लेकर विवि प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है. दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग ने आयोग से नियुक्त शिक्षक के अनुभव प्रमाण पत्र की जांच के लिए विवि को पत्र लिखा है. बताया जा रहा है कि शिक्षक अभ्यर्थी द्वारा आयोग में जमा अनुभव प्रमाण पत्र में गड़बड़ी मिली है. इसकी जांच कराने के लिए आयोग ने शिक्षा विभाग पत्र लिखा है.
इस बाबत विवि प्रशासन ने चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. इसमें डीएसडब्ल्यू प्रो विजेंद्र कुमार को संयोजक बनाया गया है. इसके अलावा कॉलेज इंस्पेक्टर प्रो संजय कुमार झा, केमिस्ट्री विभाग के डॉ एएन सहाय व डीओ अनिल कुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है. इसे लेकर रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने अधिसूचना जारी की है. पत्र के माध्यम से कमेटी से कहा गया कि अनुभव प्रमाण पत्र की जांच शॉट टाइम में पूरा कर रिपोर्ट विवि प्रशासन को उपलब्ध कराये. विवि के एक अधिकारी ने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा आयोग में अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से जमा कराया गया है. इसे लेकर आयोग ने करीब एक दर्जन अभ्यर्थी पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. मामले की जांच की जा रही है. उधर, शिक्षक अभ्यर्थी डॉ अजीत कुमार सोनू ने कहा कि आयोग को पहले ही अनुभव प्रमाण पत्र की जांच करानी चाहिए. फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के कारण योग शिक्षक अभ्यर्थी का चयन नहीं हो सका.
आयोग से शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी को लेकर 25 शिक्षक अभ्यर्थियों ने लिखित शिकायत की है. इसमें टीएमबीयू के डॉ अजीत कुमार सोनू सहित अन्य विवि के शिक्षक अभ्यर्थी शामिल हैं. इस बाबत राजभवन ने विवि सेवा आयोग को पत्र लिखकर जांच करने के लिए कहा है. डॉ अजीत कुमार सोनू ने कहा कि अधिकतर शिक्षक अभ्यर्थी का आरोप है कि फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र की अनदेखी कर परिणाम घोषित किया गया है. इसके अलावा आयोग में जमा कराये दस्तावेजों में भी गड़बड़ी सामने आ रहा है. कहा कि मामले को लेकर राजभवन में उनके द्वारा लिखित शिकायत की गयी थी.
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