टीएमबीयू के पीजी अंगिका विभाग में बुधवार को शैक्षणिक भ्रमण की उपयोगिता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. विभाग की समन्वयक प्रो नीलम महतो ने कहा कि साहित्य के छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक यात्रा जरूर करनी चाहिए, क्योंकि साहित्य संस्कृति से जुड़ी हुई है. संस्कृति को देखकर ज्यादा सीख जा सकता है. कहा कि साहित्य के विद्यार्थी हैं और उन सभी चीजों को नजर से देखकर परख और समझ सकते हैं. कार्यक्रम संयोजक डॉ शोभा कुमारी ने कहा कि देखेंगे नहीं, तो समझेंगे कैसे. सांस्कृतिक धरोहर या पुरातत्व धरोहर को देखने से ही उस समय कि देश काल को कल्पना शक्ति के माध्यम से जुड़ सकते हैं. साहित्य से जुड़ाव तभी संभव हो सकता है, जब उन्हें देखकर महसूस करते हैं. मौके पर डॉ अनिल कुमार, छात्र, प्रिंस, रंजीत, सुमन आदि मौजूद थे.
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