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bhagalpur news. अजमेरीपुर बैरिया में एक सप्ताह में ड्रेजिंग का काम हो जायेगा पूरा

कई सालों बाद एक बार फिर गंगा की धार अपने पुराने रूप में आ जायेगी. इसके लिए भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा अजमेरीपुर बैरिया में ड्रेजिंग का काम तेजी से किया जा रही है

कई सालों बाद एक बार फिर गंगा की धार अपने पुराने रूप में आ जायेगी. इसके लिए भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा अजमेरीपुर बैरिया में ड्रेजिंग का काम तेजी से किया जा रही है. गंगा की धार मोड़ने का मुख्य कारण यह भी है कि इस ओर से बड़े-बड़े मालवाहक जहाज व टूरिस्ट जहाज भी आ जा सकेेंगे. अभी बड़े मालवाहक जहाज को नवगछिया की ओर बह रही धार के रास्ते जाने से परेशानी होती है. कारण उधर पुल की लंबाई कम है. जबकि बरारी की ओर पुल की लंबाई काफी अधिक है. इसलिए इस ओर से धार को जाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. प्राधिकरण के अधिकारी की माने तो इस काम को पूरा होने में कम से कम एक सप्ताह से 10 दिन का समय लगेगा.

हटेंगे सभी चचरी पुल, इस रास्ते में नहीं होगा किसी पुल का निर्माण

गंगा जब अपने पुराने मार्ग से से बहने लगेगी तो इस रास्ते से अवैध निर्माण हटाये जायेंगे. बांस के चचरी पुल को भी इस मार्ग से हटाया जायगा. इस मार्ग में ज्यादा गाद होने पर गाद निकाली जायेगी.

पानी के जहाज से होगी माल की ढुलाई : अरविंद कुमार

इनलैंड वाटर वे डिपार्टमेंट (आइडब्ल्यूडी) के रीजनल डायरेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि हल्दिया से बनारस तक गंगा नदी के माध्यम से जल परिवहन शुरू किया जायेगा. इसमें पानी के जहाज से माल ढुलाई की सुविधा मिलेगी. सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा. माल परिवहन सस्ता और आसान होगा. व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

गंगा की धार मोड़ने से आठ गांवों की हजारों की आबादी हो जायेगी प्रभावित : सरपंच

प्रखंड क्षेत्र के बैरिया में गंगा की धार मोड़ने का कार्य फिर से शुरू हो गया है. इससे किसानों को अपने घर, जमीन, खेती-बाड़ी आदि के गंगा में कट जाने की चिंता सता रही है. हालांकि किसानों ने पहले काम रोक दिया था. पर दोबारा कार्य शुरू होने के बाद इस बार कोई विरोध के लिए आगे नहीं आया. किसान अनंत मंडल, अमित कुमार, विपिन कुमार आदि ने बताया कि वो लोग मजदूर आदमी हैं. विरोध करने पर प्रशासन सख्ती करती है. केस दर्ज करती है. ऐसे में लोग अपनी जीविका चलायें या कोर्ट कचहरी का चक्कर लगायें. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार को स्थानीय लोगों के हित का भी ध्यान में रखना चाहिए था, जो कि नहीं रखा गया. पंचायत के सरपंच आषुतोष कुमार उर्फ रंजीत यादव ने कहा कि सरकार की इस योजना से 8 गांवों की हजारों की आबादी कई परेशानी झेलेगी. किसानों कि रैयती जमीन, पशुओं का चारागाह, घर, खेती की जमीन गंगा में कट जायेगी. सरकार व प्रशासन को पुनः इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे घर, खेती, जमीन कटने से बच जाये.

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