विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है. 4.455 किमी लंबे इस पुल के लिए अब बरारी साइड में अप्रोच रोड के लिए अतिरिक्त भूमि की मांग की गयी है. जमीन उपलब्ध होते ही निर्माण गति तेज होगी. मंत्रालय के परियोजना निदेशक (मोर्थ के पीडी) ने जिला भूमि अधिग्रहण पदाधिकारी को पत्र भेजकर बरारी की ओर 946.47 वर्गमीटर अतिरिक्त सरकारी जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि फोरलेन पुल की स्वीकृति के समय ही राज्य सरकार द्वारा आवश्यक भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी लेने की शर्त रखी गयी थी, जबकि परियोजना की संशोधित लागत लगभग 1110 करोड़ रुपये स्वीकृत की जा चुकी है. अब एप्रोच रोड की तकनीकी रूपरेखा के अनुसार नक्शा भी भू-अर्जन कार्यालय को सौंप दिया गया है. फोरलेन सेतु निर्माण की तकनीक भी खास रखी गयी है. पुल को मजबूती देने के लिए हर पिलर की अलग डिजाइन तैयार की जा रही है. कुल 40 पिलर बनाये जा रहे हैं, जिनमें से 23 पिलर का काम बरारी यार्ड से और 17 पिलर का काम नवगछिया यार्ड से किया जा रहा है. पिलरों के बीच की दूरी 100 से 110 मीटर रखी जा रही है, जबकि पिलर का रेडियस 9 से 11 मीटर के बीच रहेगा. बरारी साइड से 2.4 किमी और नवगछिया साइड से 2 किमी हिस्से का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी द्वारा किया जा रहा है. बीच नदी में बाढ़ आने के कारण लगभग चार महीनों तक कार्य प्रभावित रहा, लेकिन अब निर्माण फिर से शुरू हो चुका है. लोगों की नजर इस परियोजना पर इसलिए भी टिकी हुई है क्योंकि, समानांतर फोरलेन पुल बन जाने के बाद ट्रैफिक दबाव काफी घटेगा और विक्रमशिला सेतु पर लगने वाली भीषण जाम समस्या में बड़ी राहत मिलेगी.
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