पति की लंबी उम्र और संतान के दीर्घ जीवन की कामना को लेकर सोमवार को तीज व्रत और चरचंदा व्रत की रौनक देखने को मिली. अल सुबह हजारों महिलाएं गंगा घाटों पर जुटीं और उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर पवित्रता के साथ पूजन सामग्री की खरीदारी की. ग्रामीण क्षेत्रों से आयीं महिलाएं स्नान के बाद बाबा अजगैवीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की. रेलवे स्टेशन से गंगा घाटों तक महिलाओं की भीड़ देखी गयी.
सोलह शृंगार करेंगी सुहागिन
मंगलवार को तीज व्रत के मौके पर महिलाएं सोलह शृंगार कर भगवान शिव-पार्वती की पूजा करेंगी और 24 घंटे निर्जला व्रत रख कर पति की सलामती की प्रार्थना करेंगी. मंगलवार को व्रत श्रद्धा, उल्लास और आस्था के साथ मनाया जायेगा. तृतीया तिथि दोपहर एक बजे तक रहेगी, लेकिन पूजा-अर्चना का दौर शाम तक चलेगा.चरचंदा व्रत : संतान की मंगल कामना
मंगलवार को गणेश चतुर्थी पर महिलाएं चरचंदा व्रत भी करेंगी. विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा कर महिलाएं संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करेंगी. संध्या समय चंद्र दर्शन और अर्घ देने की विशेष परंपरा है. पंडित शालीग्राम झा के अनुसार व्रत विधिपूर्वक करने से संतान को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता और वंशवृद्धि के साथ सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.बाजार में चहल-पहल
व्रत को लेकर बाजार में पूजा सामग्री और शृंगार प्रसाधनों की खरीदारी जोरों पर रही. बांस से बने डलिया, शिव-पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां, फल, मिष्ठान और गहनों की दुकानों पर देर रात तक भीड़ रही. महिलाएं ट्रेन और निजी वाहन से दूर-दराज के इलाकों से सुलतानगंज पहुंचीं और गंगा स्नान कर जमकर खरीदारी की.तीज और चरचंदा व्रत का महत्व
तीज व्रत
•सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और दांपत्य सुख के लिए करती हैं. •सोलह शृंगार कर भगवान शिव-पार्वती की पूजा की जाती है.•महिलाएं निर्जला रह कर 24 घंटे व्रत करती हैं और कथा श्रवण करती हैं.
चरचंदा व्रत (गणेश चतुर्थी)
•संतान की दीर्घायु और मंगल जीवन के लिए किया जाता है.• महिलाएं सुबह से शाम तक बिना अन्न-जल ग्रहण किये व्रत रखती हैं.
•संध्या समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर प्रसाद ग्रहण करती हैं.• विधिपूर्वक व्रत करने से संतान अकाल मृत्यु से बचती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है.
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