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महिला फुटबॉलरों के नैहर के पास बनेगा फुटबॉल स्टेडियम व मल्टीपर्पस हॉल

फुटबॉल के क्षेत्र में जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के मैचों में डंका बजानेवाले व वर्तमान में छोटे-छोटे मैदानों में प्रैक्टिस करनेवाले खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी है. भागलपुर में दो जगहों पर फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण होगा. इसके लिए कहलगांव व नवगछिया अंचल का चुनाव किया गया है.

फुटबॉल के क्षेत्र में जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के मैचों में डंका बजानेवाले व वर्तमान में छोटे-छोटे मैदानों में प्रैक्टिस करनेवाले खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी है. भागलपुर में दो जगहों पर फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण होगा. इसके लिए कहलगांव व नवगछिया अंचल का चुनाव किया गया है. बता दें कि कहलगांव के पास स्थित गांव ममलखा कभी महिला फुटबॉलरों के नाम से चर्चित हुआ करता था. यहां अभी भी महिला खिलाड़ी हैं. दोनों अंचलों के सीओ को फुटबॉल स्टेडियम व मल्टीपर्पस हॉल निर्माण के लिए जमीन का प्रस्ताव भेजने का निर्देश जिला प्रशासन ने दिया है. इससे पहले खेलो इंडिया योजना अंतर्गत खेल अवसंरचना के निर्माण के लिए स्थान चिह्नित कर प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश खेल विभाग के प्रधान सचिव ने दिया था. इस निर्देश पर जिला खेल पदाधिकारी ने जिला राजस्व कार्यालय से जमीन की मांग की थी. अब जमीन की तलाश में सीओ लग गये हैं. फुटबाल स्टेडियम के लिए 115 मीटर गुना 95 मीटर और मल्टीपर्पस हॉल निर्माण के लिए 60 मीटर गुना 40 मीटर समतल भूमि चिह्नित की जायेगी.

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भागलपुर के दर्जन भर गांव फुटबॉल खिलाड़ियों से हैं भरे

जिले के दर्जन भर गांव ऐसे हैं, जहां फुटबॉल के खिलाड़ी भरे हुए हैं. पीरपैंती फुटबॉल क्लब से जुड़े कई आदिवासी युवा फुटबॉल खिलाड़ी हैं. ममलखा फुटबॉल क्लब में भी कई खिलाड़ी हैं. नाथनगर के भुआलपुर, मुरारपुर आदि गांवों में फुटबॉल खिलाड़ियों की काफी संख्या है. जिला फुटबॉल संघ के कार्यालय सचिव सह फुटबॉल खिलाड़ी असर आलम अच्छू बताते हैं कि संतोष ट्रॉफी खेलनेवाले मो फैसल खान, बबलू यादव व विजय सिन्हा आदि ऐसे नाम हैं, जिनके पांव की करतब फुटबॉल के मैदान में देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ जाती थी.

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जगह के अभाव में हवाई अड्डा पर करते हैं प्रैक्टिस

जिले में फुटबॉल के लिए कोई स्टेडियम नहीं है. सामान्य स्टेडियम या मैदान में ही खिलाड़ी फुटबॉल खेलते हैं. भागलपुर शहर स्थित हवाई अड्डा में रनवे के पास प्राय: हर दिन 50 से 60 की संख्या में 14 से 20 वर्ष आयुवर्ग के खिलाड़ी जुटते हैं और फुटबॉल का प्रैक्टिस करते हैं. उन्हें फैसल खान व असर आलम अच्छू फुटबॉल के गुर सिखाते हैं.

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फुटबॉल खिलाड़ियों का नैहर है ममलखा

भागलपुर में महिला फुटबॉल खिलाड़ियों का नैहर ममलखा को कहा जाता रहा है. राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए भागलपुर के इस गांव ने न जाने कितनी खिलाड़ियां दी है. लेकिन बदले में यहां की खिलाड़ियों को मैडल के सिवा कुछ नहीं मिला. नतीजतन प्रतिभावान खिलाड़ी बेटियां ब्याहती गयीं और गांव महिला खिलाड़ियों से सूना होता चला गया. ममलखा की राज्य स्तर की खिलाड़ी सुरुचि कुमारी, दुर्गा कुमारी व करिश्मा कुमारी और जिला स्तर की खिलाड़ी सीमा कुमारी की शागिर्दगी जिस टीम में हुई, धूम मचाने के बाद ही लौटी. इसके अलावा अंजू, गुड़िया, बंटी, सोनी, प्रीति, सिंधू, प्रेमलता, ललिता, पूनम, खुशबू (सेकेंड), सोनिका, रानी ने भी कई मैचों में दमदार प्रदर्शन किया. लेकिन अब कोई भी खिलाड़ी नैहर में नहीं, ससुराल बस गयीं. वर्ष 1984 से इस गांव के मैदान में ज्वाइंट स्पोर्ट्स क्लब व जय मां काली पूजा समिति की ओर से सालाना फुटबॉल प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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