-सफाई मजदूर वार्ता के लिए पहुंचे निगम कार्यालय, बंद रहने से प्रदर्शन कर निराश लौट तय कार्यक्रम के तहत शनिवार को सफाई मजदूर वार्ता के लिए निगम कार्यालय पहुंचे, लेकिन अवकाश के कारण कोई अधिकारी मौजूद नहीं थे. मायूस मजदूरों ने सूने दफ्तर में प्रदर्शन किया और फिर लौट गये. सफाई मजदूरों ने बताया कि उन्हें वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन, इस बात का न तो उन्हें ध्यान रहा और हम सभी सफाई मजदूरों को. दरअसल, नगर निगम से जुड़ी सफाई एजेंसी पर मजदूरों ने वेतन और ईपीएफ में गड़बड़ी का गंभीर आरोप लगाया है. मजदूरों का कहना है कि वर्ष 2022 से 2024 तक उन्हें एक ही दर से भुगतान किया जा रहा था. इसको लेकर अप्रैल 2024 में उन्होंने हड़ताल की थी. हड़ताल के बाद अक्टूबर 2024 से 503 रुपये की दर से वेतन देने और छह माह की अंतर राशि भुगतान पर सहमति बनी थी. मजदूरों का आरोप है कि छह माह की डिफरेंस राशि भुगतान के लिए निगम और सफाई एजेंसी पिछले चार माह से सिर्फ आश्वासन देते आ रहे हैं. विषहरी पूजा तक बकाया भुगतान करने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक मजदूरों को राशि नहीं मिली. इसके अलावा जुलाई 2025 के वेतन से 22 दिनों के काम पर करीब 1400 रुपये ईपीएफ काटे गए, लेकिन स्टेटमेंट में मात्र 441 रुपये ही जमा दिखाया गया. मजदूरों का कहना है कि यह साफ-साफ घपला है और उनकी मेहनत की कमाई पर चोट है. बिहार राज्य सफाई मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष गणपत राम ने बताया कि गुरुवार को अजय शर्मा ने मजदूरों को अतिरिक्त राशि और ईपीएफ अनियमितता पर चर्चा के लिए बुलाया था. लेकिन संघ पदाधिकारी अर्थी जुलूस में शामिल होने के कारण उपस्थित नहीं हो सके. संघ ने निर्णय लिया है कि अब 18 अगस्त को वार्ता होगी और उसके बाद आंदोलन की अगली रणनीति तय की जायेगी.
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