भागलपुर में बाढ़ की तबाही शुरू हो चुकी है. गंगा का रौद्र रूप दिखा तो गांव से लेकर शहर तक पानी फैल गया. पुराने नेशन हाइवे 80(NH-80) ही नहीं अब पानी नये बन रहे मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन पर भी चढ़ चुका है. नये फोरलेन निर्माण में बाढ़ को लेकर प्लानिंग की कमी सामने आयी है. नये बन रहे इस फोरलेन के कई हिस्सों पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है. अगर 2021 की तरह गंगा में उफान आया तो फोरलेन पर वाहनों का चलना भी बंद हो सकता है.
प्लानिंग में कमी आयी सामने
बिहारीपुर (नाथनगर) और कंझिया के पास सड़क पर हल्का पानी जमा है. लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं, उसके अनुसार अगर गंगा का जलस्तर बढ़ा तो यातायात ठप हो सकता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क कई जिलों के लोगों के लिए बेहद महत्वपू्र्ण है.
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अगर 2021 की तरह स्थिति बनी तो बढ़ेगा खतरा
प्रोजेक्ट पूरा होने पर भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया के बीच बेहतर संपर्क बनेगा. लेकिन बाढ़ का पानी जिस तरह सड़क पर चढ़ रहा है, वो गलत संकेत है. अगर 2021 की तरह पानी का जलस्तर बढ़ा तो इस सड़क को और नुकसान होगा.

फोरलेन पर कटाव का खतरा बढ़ सकता है
अगर आने वाले समय में जलस्तर अधिक बढ़ा तो फोरलेन के किनारों पर दबाव बढ़ेगा जिससे कटाव का खतरा अधिक होगा. अभी भी कुछ जगहों पर पानी चढ़ा हुआ है जिससे किनारे के कमजोर होने की आशंका है.

भागलपुर में बाढ़ से हाहाकार
भागलपुर में बाढ़ से हाहाकार है. गंगा के जलस्तर में पिछले कई दिनों की बढ़ोतरी के बाद अब गिरावट दर्ज हो रहे हैं. इससे कटाव का खतरा बढ़ा है. बाढ़ का पानी एनएच 80 पर भी चढ़ चुका था. हालांकि अब पानी हाइवे से घटा है. 186 कम्यूनिटी किचन बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे हैं. नारायणपुर, शाहकुंड, सुलतानगंज, नाथनगर, सबौर और रंगरा चौक काफी अधिक प्रभावित है. 104 सरकार नाव चलाए गए हैं. 8 हजार से अधिक लोगों को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकाला गया है.


