Bihar News: बिहार इंजीनियरिंग सेवा संघ (BESA) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी को कानूनी नोटिस भेजा है. यह नोटिस उस घटना के विरोध में जारी किया गया है, जिसमें राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता बृजनन्दन कुमार के साथ कथित रूप से अभद्र व्यवहार किया गया और उन्हें थाने में घंटों बिठाकर रखा गया.
मुख्य सचिव की VC के बाद बिगड़े हालात
घटना 14 मई की बताई जा रही है, जब राज्य के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे. इसी दौरान NH-133इ परियोजना से जुड़े भू-अर्जन मामले में जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता से पूछताछ की. संघ का आरोप है कि इस पूछताछ के दौरान DM ने न केवल असंयमित भाषा का प्रयोग किया, बल्कि बाद में अभियंता को स्थानीय थाने में 5 घंटे तक बैठा कर मानसिक दबाव बनाया गया.
BESA ने कहा यह सिर्फ एक अधिकारी पर हमला नहीं, पूरे तंत्र पर आघात
BESA के महासचिव राकेश कुमार ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह घटना केवल एक अभियंता के आत्मसम्मान का हनन नहीं, बल्कि राज्य की विकास प्रणाली पर सीधा आघात है. उन्होंने कहा, “अभियंता ज़मीन पर काम करते हैं. यदि उन्हें भय और अपमान के साये में काम करना पड़े, तो इससे न केवल कार्य प्रभावित होंगे, बल्कि मनोबल भी टूटेगा.”
सरकार से की गई कड़ी कार्रवाई की मांग
संघ ने राज्य सरकार से तत्काल उच्चस्तरीय जांच और संबंधित डीएम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है. साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो पूरे बिहार में अभियंता वर्ग आंदोलन को बाध्य होगा.
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DM की ओर से अब तक कोई सफाई नहीं
इस पूरे मामले पर भागलपुर डीएम की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. न ही प्रशासन ने अब तक कोई आंतरिक जांच की घोषणा की है. इससे अभियंता समाज में नाराजगी और चिंता का माहौल है.