वरीय संवाददाता, भागलपुर
अगुवानी घाट-सुलतानगंज पुल बनने तक इसके कार्य एजेंसी को बिहार में कोई भी दूसरा काम नहीं मिलेगा. कंस्ट्रक्शन कंपनी को डिबार घोषित किया गया है और इसका यह प्रोविजन है कि जब तक काम पूरा कर हैंड ओवर नहीं कर दिया जाता है, तब तक वह दूसरे किसी भी टेंडर में भाग नहीं ले सकता है. हालांकि, इससे काम प्रभावित नहीं होता है. जितनी जल्दी काम पूरा करेगा, उतनी जल्दी दूसरा काम के लिए वह निविदा में भाग ले सकेगा. हालांकि कंपनी का कहना है कि काम प्रभावित होने का असल कारण पुल का क्षतिग्रस्त हिस्से का नया लेआउट डिजाइन मुख्यालय को जो भेजा गया है, उसे लगभग 6 माह से अधिक हो गये लेकिन अब तक मुख्यालय द्वारा उस पर अप्रूवल नहीं मिला है. वहीं, नये डिजाइन जो बनाये गये हैं वह कंपोजिट माॅडल है. स्टील और सीमेंट दोनों के प्रयोग होंगे. यह आइकाॅनिक ब्रिज है. पुल का हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के बाद कई स्तरों पर इसकी जांच चल रही है. इसके अलावा कंपनी द्वारा क्षतिग्रस्त हिस्सों में कास्टिंग कैज के माध्यम से सफाई का भी काम चल रहा है. अगर नये लेआउट डिजाइन का जल्द से जल्द अप्रूवल मिलता है तो युद्ध स्तर से कम होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है