पटना : अपने कर्तव्य के प्रति सजग और देश के ऐतिहासिक और पौराणिक विरासत पर गहन शोध करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और भागलपुर रेंज के डीआईजी विकास वैभव ने इलाके में अपराध के ग्राफ को शून्य करने की ठान ली है. उनके चल रहे इस अनवरत प्रयास का असर भागलपुर में दिखने लगा है. इसी क्रम में डीआईजी विकास वैभव ने सोमवार को कर्तव्य में लापरवाही और केस की सही जांच ना करने के आरोप में आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. जानकारी के मुताबिक, निलंबित सभी पुलिसकर्मियों को पहले विकास वैभव की ओर से चेतावनी जारी की गयी थी. उन्हें चेताया गया था कि वह मामले को हल्के में ना लें और अपने ड्यूटी को अच्छी तरह से अंजाम दें. निलंबित पुलिसकर्मियों के मामले पर अब इंक्वायरी होगी.
स्थानीय लोगों में उत्साह
स्थानीय लोगों की मानें तो विकास वैभव के भागलपुर रेंज का डीआईजी बनने के बाद इलाके के अपराधियों में दहशत है. वैभव की ओर से पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि इलाके में रंगदारी और क्राइम की घटना को कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने सोमवार को इसी संदर्भ में अपने कार्यालय में इलाके के अधिकारियों के साथ बैठक की और सख्त निर्देश जारी किया. बैठक में सभी थानेदारों को चेताया गया कि यदि वह अपने कर्तव्य का पालन सही तरीके से नहीं करते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जायेगी. किसी भी हाल में लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी.
आठ पुलिसकर्मी सस्पेंड
जानकारी के मुताबिक सस्पेंड होने वालों में सबौर पुलिस थाने के एसएचओ नीरज कुमार तिवारी, नाथनगर पुलिस थाने के एसआई विकास कुमार, एसएचओ रीता कुमारी और एएसआई मुकेश कुमार सिंह शामिल हैं. साथ ही बाबरगंज पुलिस थाने के एसएचओ राजेश कुमार और एएसआई वीरेंद्र कुमार और पुरुषोत्तम कुमार को निलंबित कर दिया गया है. विकास वैभव ने इलाके में आते ही इशारों ही इशारों में उन अपराधियों को भी कड़ा संदेश दिया है, जो इलाके में अपराध की घटनाओं को अंजाम देते हैं. खासकर स्थानीय लोगों में डीआईजी के त्वरित एक्शन लेने से काफी खुशी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि भागलपुर में ऐसे ही पदाधिकारी की जरूरत थी. डीआईजी ने अपने मातहतों को एक पत्र जारी कर पांच विशेष बिंदुओं पर काम करने की सलाह दी है. डीआईजी ने किसी भी प्रकार की छोटी भी लापरवाही को बरदाश्त नहीं करने की चेतावनी दी है.
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