समीक्षा भवन में सोमवार को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता व अनुश्रवण समिति की इस वर्ष की तीसरी बैठक हुई. अधिनियम के प्रावधानों के त्वरित व अक्षरशः अनुपालन के संबंध में विस्तृत चर्चा की गयी. समिति के अध्यक्ष सह डीएम ने अधिनियम के प्रावधानों को ससमय व प्रभावी ढंग से लागू करने के संबंध में निर्देश दिया. साथ ही कहा कि इस एक्ट का दुरुपयोग किसी भी स्तर पर नहीं हो. जांच पदाधिकारी संवेदनशील होकर ऐसे मामले की जांच करेंगे. लंबित कुल 319 मामलों में पुलिस पदाधिकारी त्वरित रूप से अनुसंधान पूर्ण कर आरोपपत्र समर्पित करें. भूमि-विवाद से संबंधित मामले में पुलिस पदाधिकारी नियमानुकूल कार्रवाई करेंगे. बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस एक्ट के अधीन आवंटित राशि से अब तक 224 पीड़ितों व आश्रितों को मुआवजा राशि दी गयी है. इस वर्ष इस अधिनियम अंतर्गत जिले में अब तक कुल 187 मामले दर्ज हुए हैं. इन सभी मामलों में पीड़ित व आश्रित को अधिनियम की धारा के अनुरूप मुआवजा राशि का डीएम की स्वीकृति के बाद भुगतान किया जा चुका है. कुल 46 आश्रितों को पेंशन की राशि का प्रतिमाह ससमय भुगतान किया जा रहा है. नवंबर में दोनों पुलिस जिला में इस अधिनियम अंतर्गत न्यायालय में विचाराधीन चार मामलों में अंतिम फैसला सुनाया गया और तीन अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

