भागलपुर (अकबरनगर) : अकबरनगर के पूर्वी टोला गांव में एक महादलित परिवार के सात लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया. लखनऊ (यूपी) के आजमगढ़ से आये रेहान कुमार नामक युवक ने इन लोगों का धर्मातरण कराया और इनमें से एक परिवार की एक लड़की सुजाता कुमारी (18) से शादी कर ली. इधर धर्म परिवर्तन करनेवाले पूर्वी टोला निवासी सुनील पासवान ने बताया कि हमलोगों ने स्वेच्छा से धर्म पर्विन किया है. अपनी पुत्री सुजाता से प्रेरित होकर हमलोगों ने धर्मातरण करने का निर्णय लिया.
पढ़ाई के दौरान युवती से युवक की हुई थी मुलाकात
सुनील पासवान की पुत्री सुजाता के अनुसार भागलपुर में पढ़ाई के दौरान आजमगढ़ के रेहान से उसकी मुलाकात हुई थी. रेहान इगAू में नौकरी कर रहा था. दोनों के बीच संपर्क बढ़ा, तो रेहान ने ईसाई धर्म के बारे में उसे विस्तार से बताया. रेहाने ने उससे शादी का भी प्रस्ताव रखा. इसके लिए उसने सुजाता को ईसाई धर्म अपनाने को कहा. वह सुजाता को लेकर दिल्ली, लखनऊ सहित अन्य जगहों के चर्च में भी ले गया. भ्रमण कर लौटने के बाद सुजाता ने रेहान से शादी कर ली.
शुरू में माता-पिता ने किया विरोध
धर्म परिवर्तन कर रेहान से शादी करने के बाद सुजाता जब घर पहुंची, तो उसके माता-पिता ने पहले इसका विरोध किया. बाद में उससे प्रेरित होकर सुजाता के माता-पिता व पूरे परिवार ने भी धर्म परिवर्तन कर लिया. युवती की मां राजेश्वरी देवी व पिता सुनील पासवान ने बताया कि पुत्री के साथ जब युवक रेहान का पारिवारिक रिश्ता बन गया, तो ऐसे में उनको साथ छोड़ना उचित नहीं लगा. इसलिए हमलोगों ने भी धर्म परिवर्तन कर लिया.
ग्रामीणों का ङोलना पड़ रहा है आक्रोश
सुनील पासवान के परिवार द्वारा धर्म परिवर्तन कर लिये जाने की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों में आक्रोश है. सुनील पासवान ने बताया कि समाज के लोगों ने उनके साथ मारपीट भी की. मामला थाना तक भी पहुंचा. समाज के लोगों ने सार्वजनिक जगह पर जाने व रास्ते से गुजरने पर रोक लगा दी. उनके साथ बातचीत करना भी बंद कर दिया है. लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया.
रविवार को प्रार्थना सभा में आते हैं फादर
महादलित परिवार के धर्मातरण करने के बाद चर्च के फादर प्रत्येक रविवार को परिवार के लोगों को प्रार्थना कराने आते हैं. सुनील पासवान ने बताया कि प्रतिदिन वे लोग खुद प्रार्थना करते हैं. लेकिन, रविवार को विशेष प्रार्थना सभा में फादर आते हैं. प्रार्थना सभा के बाद ईसाई धर्म की पुस्तकों का भी वितरण किया जाता है.
अनजान बन गांव आया था युवक
ग्रामीणों ने बताया कि रेहान नामक युवक अनजान बन कर गांव आया था. वह ईसाई धर्म से संबंधित पुस्तक की बिक्री करता था. उसी दौरान उसने सुजाता को शादी का झांसा देकर उसका धर्मातरण कराया. इसके बाद वह ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने लगा. कई अन्य लोगों को भी वह धर्मातरण के लिए प्रेरित करने लगा. हिंदू धर्म के खिलाफ प्रचार करने लगा. इसका ग्रामीणों ने विरोध किया. इस दौरान कई बार मारपीट की भी नौबत आयी. अब धर्मातरण करने वाले परिवार के लोगों से मोहल्ले के लोगों का कोई लेना-देना नहीं है.
एक साल पहले मैंने भी किया था धर्म परिवर्तन
रेहान ने बताया कि नवंबर 2012 में भागलपुर में नौकरी करने के दौरान उसका सुजाता से संपर्क हुआ. इसके एक साल पहले मैने ईसाई धर्म अपनाया था. सुजाता खुद कई चर्च सेंटर में गयी. जब उसे विश्वास हो गया, तो वह शादी के लिए तैयार हो गयी. शादी के बाद जब हम सुजाता के घर गये. इसके बाद उसके माता-पिता व परिवार के अन्य लोगों ने भी धर्म पर्विन कर लिया.
