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किसी धर्म के खिलाफ नहीं है एनआरसी – अश्विनी कुमार चौबे

भागलपुर : भारत रक्षा मंच की ओर से शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हॉल में नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 विषय पर परिचर्चा हुई. परिचर्चा में मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है. किसी धर्म संप्रदाय के खिलाफ नहीं है. पीड़ितों को […]

भागलपुर : भारत रक्षा मंच की ओर से शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हॉल में नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 विषय पर परिचर्चा हुई. परिचर्चा में मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है.

किसी धर्म संप्रदाय के खिलाफ नहीं है. पीड़ितों को नागरिकता देना है, न कि किसी की नागरिकता लेनी. पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान इस्लामिक देश हैं और वहां अल्पसंख्यक प्रताड़ित किये जा रहे थे.
वैसे प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जायेगी. मुस्लिमों ने यहां शरण नहीं मांगा है और जिन्होंने मांगा है उन्हें नागरिकता दी गयी. उन्होंने बताया कि 2016 में संसद द्वारा बनाये गए नागरिकता संशोधन समिति के सदस्य मनोनीत हुए थे, जिसमें भारत के सभी दलों के सांसद भी सदस्य थे. उन्होंने देश के विभिन्न शरणार्थी शिविरों में जाकर वहां की दयनीय स्थिति देखी.
पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान के पीड़ित, शोषित एवं प्रताड़ित हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित किया गया है. उन्होंने कांग्रेस एवं महागठबंधन के द्वारा भारत में हिंसा फैलाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन पर सख्त कार्रवाई करने को कहा.
छात्रों को भड़का कर भय का वातावरण बनाने के लिए उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि गांधीजी ने जुलाई 1947 में कहा था कि जो भी हिन्दू, सिख आदि अल्पसंख्यक भारत रहना चाहते हैं, उन्हें भारत की नागरिकता मिलेगी.
सितंबर में प्रार्थना सभा में भी उन्होंने प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत आकर नागरिकता लेने को कहा. मंत्री चौबे ने अधिनियम के बारे में कहा कि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद महामहिम राष्ट्रपति जी का अनुमोदन मिला है और एक्ट पास हो गया है, इसलिए जो भी विरोध करेंगे वे संविधान का विरोध करेंगे.
भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय मंत्री अर्जित शाश्वत चौबे ने अतिथियों का स्वागत किया. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अवध किशोर राय ने कहा कि संवैधानिक रूप से स्वीकृति होने के बाद एक्ट का विरोध राष्ट्र का विरोध करने जैसा है. ट्रिपल आइटी के निदेशक प्रो अरविंद चौबे ने संशोधन पर जारी किये गये गृह मंत्रालय के अनुदेश को पढ़ा और जानकारी दी.
पूर्व कुलपति बीआइटी मेसरा डॉ जनार्दन झा, प्रो सुरेंद्र अनल पूर्व सिंडिकेट सदस्य, टीएमबीयू प्रो कामाख्या प्रसाद, मो अल्तमश बिहारी खान ने कहा कि इससे मुस्लिम समाज को कोई तकलीफ नहीं है एवं इससे हिन्दू-मुस्लिम के बीच और प्रगाढ़ संबंध बनाने में मदद मिलेगी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता इस्टर्न बिहार चेंबर आॅफ कॉमर्स, भागलपुर के अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला ने की. राष्ट्रीय मंत्री भारत रक्षा मंच अर्जित चौबे ने कहा कि संपूर्ण भारत में भ्रांति फैलाकर कुछ षड्यंत्रकारी एवं राष्ट्र विरोधी ताकतें देश में उन्माद फैलाकर उपद्रव एवं हिंसा के द्वारा अशांति और भय का वातावरण कायम करना चाहती है. कार्यक्रम के संयोजक चंदन ठाकुर ने मंच संचालन किया एवं प्रोफेसर अशोक झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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