आरोपित संत कुमार सिन्हा व अमरेंद्र यादव ने जमा कराये लाखों रुपये
भागलपुर : जिला नजारत में उर्दू भाषी विद्यार्थी प्रोत्साहन राज्य योजना के मद में आये 15 करोड़ रुपये की राशि को सृजन महिला विकास सहयोग समिति की संचालिका मनोरमा देवी की झोली में देकर आरोपित लिपिक अमरेंद्र यादव व मास्टरमाइंड बैंक कर्मी संत कुमार सिन्हा ने अपने खजाने भर लिये.
सीबीआइ की जिला नजारत के 15 करोड़ की निकासी मामले में दर्ज चार्जशीट के अनुसार, सरकारी खजाने को कंगाल करके आरोपित ने भागलपुर व गाजियाबाद में महंगे अपार्टमेंट खरीदे. इसके बाद सृजन संचालिका मनोरमा देवी की मेहरबानी से अपने तथा परिजनों का बैंक खाता खुलवाया और उसमें लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन किये. नौकरी को दांव पर रखकर और अपने वरीय अफसरों की नाक के नीचे आरोपित अमरेंद्र यादव ने कलिंगा सेल्स के संचालक एनवी राजू के माध्यम से डीएम का फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी राशि की मनचाही जमा-निकासी करवायी.
सृजन की भेंट चढ़ी छात्रवृत्ति की राशि : इस साल के जून में वर्ष 2016-17 के लिए मेधावृत्ति और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि के लाभुकों ने कल्याण कार्यालय में आकर जमकर हंगामा किया और अपनी राशि कब तक मिलने का जवाब मांगा. इस पर जिला कल्याण पदाधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि विभाग को आवंटन देने के लिये पत्र कई बार लिख चुके हैं.
वहां से पैसा आयेगा, तब मिलेगा. इस पर लाभुक डीएम से मिले तो डीएम ने अपने स्तर पर मुख्यालय से आवंटन जारी करने का पत्र भेजा. कल्याण विभाग को भेजी राशि बैंक खाता से सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में चली गयी. आवंटन के अभाव में करीब 5500 छात्रों की छात्रवृत्ति नहीं मिल पाया है.
चार्जशीट के बाद संपत्ति बेच भागा एनवी राजू
सृजन महिला विकास सहयोग समिति की संचालिका मनोरमा देवी व प्रशासनिक अधिकारियों से नजदीकी बनानेवाले ओडिशा के रहनेवाले एनवी राजू के खिलाफ सीबीआइ विशेष कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया.
मगर इस तमाम प्रक्रियाओं के बीच जांच एजेंसी की आंखों में धूल झोंकर एनवी राजू फरार होने में कामयाब हाे गया. मनोरमा देवी के संपर्क में आकर भागलपुर में अकूत संपत्ति खड़ा करनेवाले एनवी राजू ने सामान्य जनमानस के तहत अपनी संपत्ति बेच गये. सीबीआई ने 26 फरवरी को चार्जशीट दायर किया तो उसी दिन से एनवी राजू गायब हो गये.