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इंटकवेल तक अब पानी पहुंचाने में 70 की जगह खर्च होंगे 15 लाख

दीपक राव, भागलपुर : इस बार भी इंटकवेल में गंगा का पानी लाने को लेकर जद्देजहद करना होगा. गंगा का जलस्तर इतना घट गया कि अभी ही गंगा का गाद निकलवा कर पानी लाया जाने लगा. पिछले साल प्रदूषित व बदबूदार पानी आने से सबक लेकर गंगा के मुख्य धार से पानी लाने के लिए […]

दीपक राव, भागलपुर : इस बार भी इंटकवेल में गंगा का पानी लाने को लेकर जद्देजहद करना होगा. गंगा का जलस्तर इतना घट गया कि अभी ही गंगा का गाद निकलवा कर पानी लाया जाने लगा. पिछले साल प्रदूषित व बदबूदार पानी आने से सबक लेकर गंगा के मुख्य धार से पानी लाने के लिए पाइपलाइन की व्यवस्था करने की योजना बनायी गयी थी,
लेकिन इसमें समय व पैसा अधिक लगने पर फिर व्यवस्था बदल कर चैनल बनाने का निर्णय लिया गया. इसमें 15 लाख रुपये की लागत आयेगी. इससे कम लागत में बेहतर व्यवस्था करने की तैयारी की जा रही है.
12 वार्डों पर मंडराने लगा पेयजल संकट
इंटकवेल में गंगा से पानी लाने की स्थिति चिंताजनक हो गयी है. इंटकवेल के समीप पानी सूख गया था, लेकिन पैन इंडिया की ओर से गाद निकलवा का अस्थायी व्यवस्था कर दी और पानी आने लगा.
अभी नालानुमा गंगा के पानी में गंदगी कम है, लेकिन जल्दी व्यवस्था नहीं की गयी तो फिर पिछले वर्ष की तरह ही बदबूदार पानी से शहरवासियों को सामना करना पड़ेगा. खासकर 12 वार्डों 25,26,29,28, 22,23, 20, 21 आदि के लोगों को दूषित पानी सेवन करना होगा.
फिर से बनाना होगा नया चैनल: पिछले दो वर्षों से पुराने चैनल से ही हनुमान घाट के समीप से पानी लाया जा रहा था, लेकिन इस बार बाढ़ के कारण चैनल पूरी तरह गाद से भरकर सूख चुका है. इसके लिए फिर से इस बार निर्धारित स्थल पिपली धाम से इंटकवेल तक चैनल बनाना होगा.
अब भी ड्राइ इंटकवेल से नहीं आ रहा पानी: पिछले एक माह से ड्राइ इंटकवेल से पानी आना बंद है. अब तक गंगा में बने फुटबॉल में फंसे कचरे को साफ नहीं किया गया है. इससे पूरी तरह से वेट इंटकवेल पर बोझ बढ़ गया है.
इसमें भी बिजली कट जाने के बाद वेट इंटकवेल बंद हो जाता है. रविवार को भी दोपहर में बिजली कटने से वेट इंटकवेल से डेढ़ घंटे तक जलापूर्ति बाधित थी.
तालाब में भी नहीं दिखता पानी का स्टॉक
वेट इंटकवेल से अकेला तालाब नहीं भर पा रहा है. यदि शीघ्र ड्राइ इंटकवेल को नहीं सुधारा गया तो शहर की जलापूर्ति व्यवस्था बाधित हो सकती है. वेट इंटकवेल का कभी मोटर खराब होना और बिजली संकट होना खतरे की घंटी है.
शहरवासियों के बीच पेयजल संकट नहीं होने देंगे. शहरवासियों के हित में ही पाइपलाइन की जगह चैनल बनाया जायेगा, ताकि अधिक से अधिक पानी स्टॉक किया जा सकेगा. पानी स्टॉक रहने से लोगों को लगातार सप्लाई मिलता रहेगा.
राजीव मिश्रा, प्राेजेक्ट मैनेजर, पैन इंडिया
Prabhat Khabar Digital Desk
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