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भागलपुर में तैयार होगा क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क

दिल्ली से आया प्रशिक्षु पुलिस पदाधिकारियों को एनसीआरबी का बुलावा भागलपुर : हाइटेक अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए जिला पुलिस को हाइटेक बनाने के लिए दिल्ली से बुलावा आया है. पुलिस अधिकारियों का मनोनयन कर जल्द ही इनको दिल्ली रवाना कर दिया जायेगा. यहां दिलचस्प बात यह है कि, जिले के अपराधी अगर कश्मीर […]

दिल्ली से आया प्रशिक्षु पुलिस पदाधिकारियों को एनसीआरबी का बुलावा

भागलपुर : हाइटेक अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए जिला पुलिस को हाइटेक बनाने के लिए दिल्ली से बुलावा आया है. पुलिस अधिकारियों का मनोनयन कर जल्द ही इनको दिल्ली रवाना कर दिया जायेगा. यहां दिलचस्प बात यह है कि, जिले के अपराधी अगर कश्मीर में भी छिपकर रहना चाहें तो, अब यह संभव नहीं होगा. क्योंकि डेटा बेस के सहारे देश के किसी भी थाने में इनका रिकार्ड उपलब्ध होगा. जिसे देख किसी भी राज्य की पुलिस इन पर शिकंजा कस लेगी. केंद्र सरकार की इसे पिछले साल मजबूती से आरंभ किया है. जिसमें देश के सभी थाने को एक साथ एक डेटा से जोड़ा जाना है. वहीं सूबे के सभी जिले के पुलिस इस का प्रशिक्षण लेगी. पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) पटना ने 29 जून को पत्र जारी कर अधिकारियों के मनोनयन का निर्देश दिया है.
नयी दिल्ली में अगस्त माह से प्रशिक्षण आरंभ होने वाला है. इस आश्रय का पत्र क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक के साथ साथ सीटीएस नाथनगर प्राचार्य को भेजा गया है.
सीसीटीएनएस डिजिटल पुलिस पोर्टल का प्रशिक्षण लेगी पुलिस
जिला पुलिस सीसीटीएनएस डिजिटल पुलिस पोर्टल का प्रशिक्षण लेगी. यह पोर्टल केंद्र सरकार के अपराध, अपराधी खोज नेटवर्क और प्रणाली का हिस्सा है. इसके माध्यम से पुलिस न केवल अपराधियों को पकड़ने में सफल होगी, बल्कि पीड़ितों को ऑनलाइन मदद भी कर सकेंगी. अनुसंधानकर्ता देश के किसी भी अपराधी के बारे में पूरी जानकारी इसके माध्यम से उपलब्ध करा देगी. पोर्टल से वरिष्ठ नागरिकों ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करा सकेंगे. किरायेदार, सार्वजनिक कार्यक्रम की अनुमति, वाहन चोरी, खोया पाया की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे. पुलिस अपराधी का नाम या फोन नंबर डाल कर उसकी कुंडली निकाल सकती है. इस पोर्टल से जुड़ने के बाद पुलिस का कार्य भी ऑनलाआरंभ हो जायेगा.
साइबर अपराध और कंप्यूटर फोरेंसिक्स का भी लेंगे प्रशिक्षण
साइबर अपराधी अब तक आसानी से पुलिस की पकड़ से बाहर निकल जाते थे. लेकिन इस प्रशिक्षण के बाद यह संभव नहीं होगा. कंप्यूटर फोरेंसिक माध्यम से पुलिस किसी भी कंप्यूटर या अन्य डिजिटल माध्यम से हुए अपराध का साक्ष्य प्राप्त कर लेगी. वहीं अपराध के बाद अपराधियों की अंगुली के निशान भी उपलब्ध होते हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में पुलिस इसे साक्ष्य के रूप में प्रयोग में नहीं ला पाती है. दिल्ली में प्रशिक्षण के दौरान पुलिस पदाधिकारियों को इसका भी प्रशिक्षण दिया जायेगा.
अगस्त से आरंभ हो जायेगा प्रशिक्षण
सीसीटीएनएस तकनीकी परियोजना प्रबंधन – एक अगस्त से 3 अगस्त तक
प्रिजन स्टेटिस्क्स इन इंडिया प्रशिक्षण – 6 अगस्त से 8 अगस्त तक
साइबर अपराध एवं कंप्यूटर फोरेंसिक्स का प्रशिक्षण – 27 अगस्त से 31 अगस्त तक
अंगुली छाप विज्ञान का प्रशिक्षण – 6 अगस्त से 10 अगस्त तक
अंगुली छाप में बुनियादी पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण – 27 अगस्त से 31 अगस्त तक
जिले के दो पुलिस पदाधिकारियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण
पटना से आये पत्र में कहा गया है कि तय समय से पहले ही पदाधिकारी के मनोनयन की सूची उपलब्ध करा दी जाये. इसमें प्रत्येक जिले से दो दो पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को दिल्ली भेजा जायेगा .

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