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SSP से शराब के नशे में पूछा था ”Who are you”, चारों सिपाही बर्खास्त

भागलपुर : अपनी गैरकानूनी हरकतों से पुलिस विभाग को शर्मसार करनेवाले जिले के सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एसएसपी ने बड़ी कार्रवाई की है. रेलवे स्टेशन स्थित पुलिस पिकेट में शराब पीनेवाले व नशे में एसएसपी को ही ‘हू आर यू’ बोलने वाले चार सिपाहियों को एसएसपी ने बर्खास्त कर दिया. नाथनगर थाने में नशे की […]

भागलपुर : अपनी गैरकानूनी हरकतों से पुलिस विभाग को शर्मसार करनेवाले जिले के सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एसएसपी ने बड़ी कार्रवाई की है. रेलवे स्टेशन स्थित पुलिस पिकेट में शराब पीनेवाले व नशे में एसएसपी को ही ‘हू आर यू’ बोलने वाले चार सिपाहियों को एसएसपी ने बर्खास्त कर दिया. नाथनगर थाने में नशे की हालत में शिकायतकर्ता से झगड़ा करनेवाले एएसआइ की बर्खास्तगी के लिए डीआइजी भागलपुर पूर्वी को अनुशंसा पत्र लिखा. साथ ही विक्रमशिला पुल पर हुई वसूली मामले में भी एसएसपी मनोज कुमार ने अनुशासन का हंटर चलाया. उन्होंने एक सिपाही को उसकी बर्खास्तगी से पहले स्पष्टीकरण मांगा, तो दूसरे सिपाही को डिमोशन (दो साल के लिए उसे मूल वेतन पर प्रत्यावर्तित) कर दिया.

पांच जुलाई 2017 को भागलपुर रेलवे स्टेशन चौक स्थित पुलिस कैंप (पिकेट) में एसएसपी कार्यालय के लेखा शाखा में तैनात सिपाही राजीव रंजन, पेंशन शाखा में तैनात सिपाही शशिकांत शर्मा, पुलिस केंद्र में तैनात सिपाही मधुकर सुमन, रोबिन कुमार शराब पी रहे थे. ब्रेथ एनलाइजर मशीन से जांच में इनके द्वारा शराब सेवन की पुष्टि हो गयी. इसलिए छह जुलाई को सार्वजनिक स्थल पर शराब का सेवन करते पकड़े जाने के आरोप में चारों को सस्पेंड करते हुए इनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गयी. जांच अधिकारी डीएसपी हेड क्वार्टर 2 ब्रज किशोर पासवान ने अपनी जांच में उक्त चारों सिपाहियों को दोषी पाया.

एसएसपी मनाेज कुमार ने उक्त चारों सिपाहियों से बर्खास्तगी से पूर्व उनसे अंतिम बचाव लिखित अभिकथन (स्पष्टीकरण) मांगा. एसएसपी ने इनके द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण को संतोषजनक नहीं माना और जांच प्राधिकार के अभिलेख (मंतव्य) से सहमत होकर चारों सिपाहियों को सार्वजनिक स्थल पर शराब का सेवन कर घूमने, अनुशासन को भंग करने एवं राज्य सरकार द्वारा बिहार राज्य में पूर्ण शराब बंदी के बावजूद शराब का सेवन करने के आरोप में शुक्रवार (29 दिसंबर 2017) को प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया. साथ ही इनकी बर्खास्तगी को लेकर सभी सीनियर पदाधिकारियों को सूचित कर दिया.

19 माह पहले (28 मई 2016) रात करीब 10 बजे पहले चंपानगर चौक पर एएसआइ जवाहर कुमार सिंह (वर्तमान तैनाती बरारी थाना) ने हंगामा किया. नशे में धुत होकर नाथनगर थाने में घुसे एएसआइ ने उसकी शिकायत करनेवाले संतोष साह निवासी चंपानगर को इंस्पेक्टर के सामने ही मारापीटा. ब्रेथ एनलाइजर जांच में इनके द्वारा शराब सेवन की पुष्टि हुई. इस आरोप के तहत 28 मई को एएसआइ जेके सिंह को सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी. पुन: बिहार सरकारी सेवक नियमावली-2006 में प्रावधानित नियमों के अनुसार नये सिरे से इनके खिलाफ भागलपुर जिला विभागीय जांच संख्या 17/2017 शुरू हुई. जांच कर रहे जांच प्राधिकार डीएसपी हेड क्वार्टर 2 ब्रज किशोर पासवान ने एएसआइ जेके सिंह पर लगे आरोपों को सही पाया. जांच रिपोर्ट मिलने पर एसएसपी ने एएसआइ जेके सिंह से बर्खास्तगी से पहले स्पष्टीकरण मांगा. परंतु एएसआइ द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण से एसएसपी संतुष्ट नहीं हुए और एएसआइ जवाहर कुमार सिंह को बर्खास्त करने के लिए डीआइजी भागलपुर पूर्वी क्षेत्र के पास अनुशंसा पत्र भेज दिया.

15 जून 2017 को विक्रमशिला टीओपी चेक पोस्ट पर तैनात दो सिपाही मो रज्जाक व पीटीसी कुंदन कुमार विक्रमशिला पुल पर ट्रक चालकों से वसूली कर रहे थे. वसूली की फुटेज मिला तो इस आधार पर दोनाें को 16 जून 2017 को सस्पेंड कर इनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गयी. मामले की जांच कर रहे डीएसपी हेड क्वार्टर प्रथम रमेश कुमार ने वीडियो फुटेज से सिपाही मो रज्जाक को वसूली करने का दाेषी पाया तथा पीटीसी कुंदन कुमार को वसूली के दौरान ट्रक के पास खड़ा पाया. इस आधार पर उन्होंने आशंका जतायी कि वह इस वसूली में शामिल हो सकता है. इस आधार पर एसएसपी मनाेज कुमार ने मो रज्जाक से पांच दिन के अंदर बर्खास्तगी के विरुद्ध अंतिम स्पष्टीकरण मांगा. पीटीसी कुंदन कुमार की मूल संचिका अवलोकनोपरांत एसएसपी श्री कुमार ने जांच प्राधिकार के अभिलेख से सहमत होते हुए दो साल के लिए मूल वेतन पर उसे परावर्तित कर दिया.

एसएसपी ने बताया कि सरकार द्वारा बनाये गये हर कानून को अक्षरश: पालन करना व लोगों से अनुपालन कराना पुलिस विभाग के हर पदाधिकारी व कर्मियों का दायित्व है. अभी हाल में ही पुलिस विभाग के हर पुलिसकर्मी ने शराब न पीने की शपथ ली थी. पुलिस की ड्यूटी 24 घंटे मानी जाती है, ऐसे में शराब बंदी लागू होने के पूर्व भी पुलिस मैनुअल के हिसाब से ड्यूटी के दौरान शराब पीने की मनाही है. पुलिसकर्मी का आचरण, पुलिस विभाग व सरकार का चरित्र होता है. ऐसे में सरकार, कानून व विभाग के खिलाफ आचरण बर्दाश्त नहीं होगा.

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