भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से पासआउट लॉ के पूर्ववर्ती छात्रों के सर्टिफिकेट की जांच शुरू हो गयी है. ये वैसे पूर्ववर्ती छात्र हैं, जो विभिन्न राज्यों में बार काउंसिल से संबद्ध होकर वकालत कर रहे हैं. तोमर मामले के उजागर होने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) के निर्देश पर स्टेट बार काउंसिल द्वारा भेजे जा रहे वकीलों के सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है. दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के फर्जी डिग्री मामले के उजागर होने के बाद बीसीआइ ने स्टेट बार काउंसिल को निर्देश दिया था. उनसे कहा गया था कि टीएमबीयू से पासआउट जो भी छात्र हैं और वे विभिन्न राज्यों में निबंधित हैं, उनके प्रमाणपत्रों की जांच करायी जाये. इसके बाद सत्यापन का सर्टिफिकेट भी जारी होगा. परीक्षा नियंत्रक डॉ पवन कुमार सिन्हा ने बताया कि अधिवक्ताओं का प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए आया है, जिसकी जांच चल रही है.
ज्ञात हो कि टीएमबीयू से जारी तोमर के प्रमाणपत्र मामला दिल्ली हाइकोर्ट में चल रहा है. इस मामले की जांच दिल्ली के हौज खास थाने में चल रही है. दूसरी ओर टीएमबीयू प्रशासन ने उनके प्रमाणपत्र की जांच करने के बाद उसे फर्जी करार देते हुए राजभवन के निर्देश पर रद्द कर दिया है. टीएमबीयू में प्रमाण पत्रों की जांच करने के लिए सिर्फ एक कर्मी हैं. उन्हें न सिर्फ अधिवक्ताओं के प्रमाण पत्रों की जांच करनी है, बल्कि नियोजित शिक्षक और विभिन्न विभागों द्वारा भेजे गये प्रमाण पत्रों की जांच की जिम्मेदारी है. इस कारण दो दिन पूर्व संबंधित कर्मचारी ने प्रोक्टर से सहयोगी की मांग की थी.
यह भी पढ़ें-
अभी भी बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं डॉ. अशोक चौधरी, जानें कैसे