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bhagalpur news. 4.52 करोड़ के सृजन घोटाला मामले में पीरपैंती के पूर्व बीडीओ की 100% पेंशन कटौती

पीरपैंती प्रखंड कार्यालय के विभिन्न मदों के चार करोड़ 52 लाख 88 हजार 246 रुपये के सृजन घोटाला मामले में तत्कालीन बीडीओ चंद्रशेखर झा के खिलाफ कार्रवाई हुई है.

पीरपैंती प्रखंड कार्यालय के विभिन्न मदों के चार करोड़ 52 लाख 88 हजार 246 रुपये के सृजन घोटाला मामले में तत्कालीन बीडीओ चंद्रशेखर झा के खिलाफ कार्रवाई हुई है. चंद्रशेखर झा सेवानिवृत्त हो चुके हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने उनकी 100 प्रतिशत पेंशन कटौती कर दी है. इस दंड के बाबत अवर सचिव उमेश प्रसाद द्वारा जारी पत्र भागलपुर के जिलाधिकारी को भी भेजा गया है. उनके विरुद्ध जिलाधिकारी ने विभाग को आरोप-पत्र उपलब्ध कराया था. आरोप था कि तत्कालीन बीडीओ के कार्यकाल के दौरान कार्यालय के विभिन्न मदों के बैंक खातों से चार करोड़ 52 लाख 88 हजार 246 रुपये की अवैध निकासी की गयी. उन्होंने अपने कार्यकाल में उक्त जमा व निकासी के मामले का संज्ञान व नियमानुकूल कार्रवाई नहीं की. उनके कार्यकाल के दौरान बरती गयी अनियमितता के लिए सीबीआइ ने कांड दर्ज कर अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी, जिस पर विधि विभाग ने अभियोजन स्वीकृत दी. आरोपों पर आरोपित बीडीओ से स्पष्टीकरण की मांग की गयी. उन्होंने 29.09.2025 को स्पष्टीकरण सौंपा. स्पष्टीकरण दिया कि प्रतिवेदित आरोप की अवधि कारण पृच्छा की तिथि से चार वर्ष से अधिक पुराना है. पूर्व में भी दंडित हो चुके हैं तत्कालीन बीडीओ झा के सेवाकाल में बरती गयी अन्य अनियमितता के लिए पूर्व में भी दंड दिया गया था. इसमें रोहतास राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक के पदस्थापन काल में निंदन और संचयी प्रभाव के बिना कालमान वेतन में निम्नतर अवनति का दंड दिया गया था. सीबीआइ जांच रिपोर्ट : बीडीओ ने पत्नी के नाम से गाजियाबाद में बुक किया था फ्लैट दूसरी ओर इस मामले में सीबीआइ द्वारा जांच के बाद समर्पित रिर्पोट, अभिलेखीय साक्ष्य व साक्षियों के बयान का भी अवलोकन किया गया. इसमें पाया गया कि अभियुक्त चंद्रशेखर झा द्वारा अपने पदस्थापन अवधि में अवैध रूप से और निजी लाभ के लिए विभिन्न चेकों द्वारा विभिन्न तिथियों को षड्यंत्र व जालसाजी के तहत करोड़ों रुपये सरकारी राशि को सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड, सबौर के खाते में हस्तांतरित किया गया. उनके द्वारा अपनी पत्नी (बबीता झा) के नाम से वसुंधरा, गाजियाबाद में बुक किये गये फ्लैट का भुगतान कराया गया. सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड में खाता खुलवाया, जबकि सृजन को बैंकिंग कारोबार का लाइसेंस प्राप्त नहीं था. इन आरोपों का साक्ष्य पाया गया है. इससे सरकारी राशि के गबन का आरोप प्रमाणित हुआ.

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