बेतिया. बैटरी व इलेक्ट्रानिक वाहनों की भरमार से टमटम व साइकिल रिक्शा का दौर खत्म होने के कगार पर है. आपाधापी के युग में ज्यादातर लोग इन वाहनों का ही प्रयोग करते दिख रहे हैं. ऐसे में मंगलवार को इन वाहनों की हड़ताल हुई तो पूरा शहर परेशान दिखा. किसी को ड्यूटी पर जाना था तो किसी को ट्रेन व बस पकड़ने की जल्दी थी. हॉस्पिटल की ओपीडी का समय भी बीत रहा था. ऐसे तमाम जरुरी कार्यों के लिए लोग सड़कों पर आये तो थे लेकिन गाड़ियां थी ही नहीं. लिहाजा टमटम व साइकिल रिक्शा के दिन लौटते दिखे. सड़कों पर कई दर्जन टमटम पूरे दिन दौड़ते रहे. बमुश्किल एक दो यात्रियों को लेकर चलने वाले साइकिल रिक्शा की मांग भी जोरों पर रही. सड़कों पर टमटम के घोड़े की टाप सुनाई देती रही. कई यात्रियों ने बताया कि उनको टमटम की पुरानी यादें ताजा हो गई और आज का सफर उनके लिए यादगार हो गया. इधर, मंगलवार को आम दिनों की अपेक्षा नगर के व्यस्ततम चौराहे सोआ बाबू चौक पर ई रिक्शा के बदले टमटम वालों का कब्जा दिखा. जिसे देखकर शहरवासियों को 90 के दशक की यादें ताजा हो गईं.
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