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मां मांग रही दुआ, सैनिक बेटों की सलामती की

कल मदर्स डे है. उस मां का दिन, जो अपनी कोख में पल रहे बच्चे के साथ सोती जागती है. वह मां जो अपने बच्चों के सुबह उठने के पहले जग जाती है.

आलोक अगस्टीन, बेतिया

कल मदर्स डे है. उस मां का दिन, जो अपनी कोख में पल रहे बच्चे के साथ सोती जागती है. वह मां जो अपने बच्चों के सुबह उठने के पहले जग जाती है. औलाद के जन्म से लेकर अपनी सांस थमने तक वह मां अपने बच्चों को भला ही सोचती है. ऐसी ही है अंजनी देवी. नगर के नाज़नीन चौक निवासी राजेश कुमार की पत्नी अंजनी देवी इन दिनों सोते जागते अपने दोनों बेटे राजीव और रवि के साथ साथ उन सभी बेटे बेटियों की सलामती की दुआ मांग रही है, जो इन दिनों देश सेवा के जज्बे के साथ भारत पाक युद्ध में दुश्मनों से भिड़ रहे है. माथे पर चिंता की लकीरें तो है, लेकिन दो सैनिकों के माता पिता होने का गर्व भी राजेश और अंजनी के चेहरे पर देखा जा सकता है. उनका कहना है कि राजीव आर्मी सिग्नल कोर जम्मू कश्मीर के शोपियां में तैनात है तो रवि आर्मी मेडिकल कोर में प्रयागराज में कार्यरत है. वही बेटी रजनी देवी चनपटिया नगर परिषद की चेयरमैन है. भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है. चिंता तो बहुत होती है. जबतक बात नहीं होती चिंता बनी रहती है.

– दोनों बहुएं और पोते पोतियां रहते है साथ

चनपटिया चीनी मिल में केन इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत रहे राजेश कुमार बताते है कि घर में दोनों बहुएं और पोता पोती भी साथ रहते है. राजीव की पत्नी प्रियंका और रवि की पत्नी किरण दोनों ग्रेजुएट हैं. इनके साथ राजीव के दोनों बेटे तथा रवि के एक बेटे व एक बेटी भी रहते है. राजेश कहते है कि दोनों बहुओं को अपने पति और बच्चों को अपने पिता की बहुत चिंता होती है. इन दिनों वह चिंता और ज्यादा बढ़ गई है.

– खेलने के दौरान ही हो गया सेना में चयन

राजेश कुमार बताते है कि उनके तीनों बच्चे, दोनों बेटे और एक बेटी शुरू से ही पढ़ने में मेधावी रहे है. बेटे राजीव और रवि पढ़ाई के साथ खेल में भी रूचि है. जिसका परिणाम हुआ कि वर्ष 2003 में राजीव तथा वर्ष 2005 में रवि का चयन रमना मैदान में खेलने के दौरान ही हो गया. दोनों बच्चे प्रतिदिन रमना में खेलने जाते थे. वहां आर्मी द्वारा दौड़ आयोजित था. दोनों ने उसमें भाग लिया और देश सेवा के लिए चुन लिये गये. मुजफ्फरपुर में फिटनेस जांच और जबलपुर में प्रशिक्षण के बाद से कार्यरत है. राजेश कुमार ने बताया कि उनके बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा शहर के आमना उर्दू तथा एमजेके कालेज से हुई. तीनों बच्चे उर्दू से ऑनर्स है. और आज अपने जीवन में कामयाब हैं. भाषा की समझ या समस्या कभी भी उनके कैरियर में रोढ़ा नहीं बनी.

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