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168 प्लस टू स्कूलों में स्थापित होगी एकीकृत विज्ञान और गणित की प्रयोगशाला: डीइओ

जिला शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि जिले के 168 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में एकीकृत विज्ञान और गणित प्रयोगशाला की स्थापना की योजना को स्वीकृति दी गई है.

बेतिया. जिला शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि जिले के 168 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में एकीकृत विज्ञान और गणित प्रयोगशाला की स्थापना की योजना को स्वीकृति दी गई है. जहां छात्र-छात्राओं को विज्ञान और गणित विषय को प्रयोग कर सीखने की सुविधा होगी. इस प्रयोगशाला की खासियत यह होगी कि यहां बच्चों को एक ही प्रयोगशाला में विद्यार्थियों को समेकित विज्ञान और गणित विषयों के विषय की व्यावहारिक समझ बढ़ाने और संशय दूर करने में उपयोगी उपकरण उपलब्ध रहेंगे. डीइओ श्री सिंह ने बताया कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने की दिशा में यह एक अत्यंत उपयोगी पहल है. क्योंकि अब तक जो लैब स्थापित होते थे उनमें ऐसी सुविधाएं नहीं होती थीं.इस समेकित प्रयोगशाला में 50 से अधिक तरह के उपयोगी उपकरण इनमें एक जगह छात्र छात्राओं का प्रायोगिक ज्ञान बढ़ाने में मददगार साबित होंगे. इसमें विज्ञान के 46, गणित के 29, स्टेम (तना/डंठल) विषय के 8 के अलावा अन्य उपकरण उपलब्ध होंगे. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा इस सुविधा विस्तार के लिए प्रथम चरण में जिले के विभिन्न प्रखंडों के कुल 168 स्कूलों का चयन किया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पश्चिम चंपारण के लिए राज्य मुख्यालय स्तर से प्राधिकृत ””””रेलटेल”””” नामक एजेंसी को सामानों के आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इधर गुणवत्ता शिक्षा संभाग के प्रभारी प्रोग्राम ऑफिसर विकास जायसवाल ने बताया कि सामानों के खेप की आपूर्ति जिला में शुरू हो गई है.जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक गण को निर्देशित किया गया है कि वे लैब स्थापित करा इसका संचालन शुरू करेंगे और इसकी रिपोर्ट विभाग को देंगे.

क्या होती है एकीकृत विज्ञान और गणित प्रयोगशाला

एकीकृत विज्ञान और गणित प्रयोगशाला एक शैक्षिक सुविधा है जो विज्ञान और गणित के विभिन्न विषयों को एक ही स्थान पर एकीकृत करती है. इसका उद्देश्य छात्रों को विज्ञान और गणित के मूलभत सिद्धांतों और धारणाओं को समझने में मदद करना है. उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है. इसके तहत प्रयोगशाला में विज्ञान, गणित और स्टेम विषयों की सभी उपकरण एक जगह पर उपलब्ध होती है जिसके इस्तेमाल से बच्चे कुछ नवाचारी चीजें बना सकते हैं. इस प्रयोगशाला से व्यावहारिक सीखना, बच्चों द्वारा स्कूल में नवाचार करना, आधुनिक उपकरणों के बारे में जानकारी मिलना, समस्या समाधान कौशल विकसित होना तथा रचनात्मकता में वृद्धि होना इसके फायदे हैं.

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